महाराष्ट्र में ऑनलाइन शॉपिंग के खिलाफ़ कार्रवाई, ढाई करोड़ का सामान जब्त

मुंबई:

महाराष्ट्र में ऑनलाइन शॉपिंग के खिलाफ सख्त कदम उठना शुरू हो गए हैं। राज्य की औरंगाबाद महानगरपालिका ने शहर में ऑनलाइन खरीदे गए ढाई करोड़ रुपये के सामान को जब्त किया है। राज्य सरकार के टैक्स न भरकर हो रहे यह सौदे रोकने के लिए महानगरपालिका ने यह कदम उठाया है। किसी भी दुकान के अलावा केवल सीधे वेबसाइट के जरिए जरूरी माल खरीदने को ऑनलाइन शॉपिंग कहा जाता है।

औरंगाबाद महानगरपालिका के कमीश्नर प्रकाश महाजन ने संवादाता सम्मेलन कर बताया कि कई ऑनलाइन सौदों से खरीदे गए सामान पर महानगरपालिका क्षेत्र में वितरित होते समय लोकल बॉडी टैक्स (LBT) नहीं भरा जा रहा। इससे राजस्व का घाटा हो रहा है। इसे रोकने के लिए औरंगाबाद महानगर पालिका ने छापामारी कर शहर में वितरण के लिए आया ढाई करोड़ रुपये कीमत का माल जब्त कर लिया है। महाजन ने बताया की फिलहाल उनके पास केवल फ्लिपकार्ट और स्टार सीजे इन कंपनीयों के द्वारा अपने माल को बेचने के लिए जरूरी लाइसेंस लेने की सूचना है।

ऑनलाइन सौदों से खरीदे गए सामान को उपभोक्ता तक कुरियर से भेजा जाता है। इस बात को ध्यान मे रख महानरपालिका ने शहर की चार कुरियर एजेंसियों के दफ्तरों पर छापे मारे। इन छापों में 181 वे कुरिअर पार्सल ज़ब्त किए गए, जिन में ऑनलाइन खरीदा गया सामान था। इस कार्रवाई के साथ महानगरपालिका ने शहर की कुरियर कंपनियों को जल्द नोटिस देने का मन बना लिया है। इस नोटिस में कुरियर कंपनियों को कहा जाएगा कि अगर शहर की कुरियर कंपनियां 7 दिन के भीतर म्युनिसिपालिटी के पास अपना रजिस्ट्रेशन कर ऑनलाइन खरीदे गए सामान पर वितरण के लिए जरूरी एलबीटी का भुगतान नहीं करती तो उनपर जुर्माना लगेगा।

औरंगाबाद एलबीटी विभाग के अफ़सर अयूब खान ने संवादाताओं को बताया कि शहर में हर दिन करीन 50 लाख रुपए का ऑनलाइन खरीदा गया सामान वितरण के लिए आता है। हालिया कार्रवाई में जब्त किए सामान में मोबाइल, लैपटॉप और घड़ियां होने की सूचना मिली है।

दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्वदेशी जागरण मंच ने सबसे पहले ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ आवाज उठायी है। मंच की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अनिल गचके ने एनडीटीवी इंडीया से बात करते हुए दावा किया कि ऑनलाइन सौदों से राजस्व को करोड़ों रुपये का चूना लग रहा है। लिहाजा इन कंपनियों को बंद कर देना चाहिए। इस के बाद महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने ऑनलाइन कंपनियों के सौदे की जांच के आदेश दिए थे।

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एसोचैम के मुताबिक, 2014 में 4 करोड़ ग्राहकों ने भारत में ऑनलाइन शॉपिंग की, जिससे इस इंडस्ट्री का कारोबार 17 बिलियन डॉलर तक बढ़ चुका है और सालाना उसमें 35 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है।