मराठवाड़ा में सूखे का जायज़ा लेने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री समेत पूरा कैबिनेट पहुंचा

मराठवाड़ा में सूखे का जायज़ा लेने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री समेत पूरा कैबिनेट पहुंचा

महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)

मराठवाड़ा:

महाराष्ट्र में सूखे के हालात को जानने और समझने के महीनों बाद ही सही, मुख्यमंत्री सहित लगभग पूरा कैबिनेट मराठवाड़ा में है, कोशिश यह जानने की है कि किसानों तक राहत पहुंच रही है या नहीं, साथ ही क्या हैं उनकी दूसरी ज़रूरतें। तीन ज़िले सबसे बुरी तरह से प्रभावित हैं, कोशिश वहां जाकर राहत की हक़ीक़त समझने की है इसलिए मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के साथ सूबे के 28 मंत्री मराठवाड़ा गए हैं। लातूर में संवाददाताओं से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा 'पानी की कमी है, हमें इस बात का सामना करना होगा लेकिन हालात रोज़ बदलेंगे। जब भी कोई प्राकृतिक आपदा आती है उसके लिए गारंटी के साथ कोई समाधान नहीं होता, हमें स्थिति को देखते हुए इसका सामना करेंगे।' वहीं ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे का कहना था 'भयानक सूखा पड़ा है, लेकिन जितनी डिमांड है उतनी सप्लाई करना संभव नहीं है।'

'तनख्वाह रोको, कर्ज माफी दो'
मुश्किल हालात में मंत्रियों की मौजूदगी से अफसरशाही भी तैनात है, कुछ लोग सरकार की पहल से खुश हैं लेकिन मधुकर मुगले जैसे किसान चाहते हैं कि उनके एक लाख के कर्ज को पूरी तरह माफ किया जाए। उनका कहना है 'हमें आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिनको तनख्वाह मिलती है उन्हें चाहिये कि अपने एक महीने की तनख्वाह हमारे कर्ज माफी के लिए दें, मंत्री भी इससे अछूते ना रहें। उनकी तनख्वाह रोको और हमें कर्ज माफी दो।' खराब मॉनसून, फसल बर्बाद ऊपर से कर्ज, 2016 में भी मराठवाड़ा में 170 किसान खुदकुशी कर चुके हैं। मराठवाड़ा के सबसे बड़े जायकवाड़ी डैम में 6 फीसदी से भी कम पानी बचा है, यह कमी और भयावह हालात बनाती जा रही है।

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