डांस बार शुरू करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और महाराष्ट्र सरकार में टकराव

डांस बार शुरू करने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और महाराष्ट्र सरकार में टकराव

डांस बार (फाइल फोटो)

मुंबई:

महाराष्ट्र में डांस बार शुरू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट और राज्य सरकार में ठन गई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, राज्य सरकार दो हफ्ते में डांस बार के लिए नए लाइसेंस जारी करे। मुम्बई में होटल मालिकों के संगठन आहार के अध्यक्ष आदर्श शेट्टी ने संवाददाताओं से बात करते हुए कोर्ट के आदेश का स्वागत किया और बताया की इससे मुम्बई की नाइट लाइफ को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने जताई असहमति
वैसे कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार डांस बार शुरू करने के लिए तैयार नहीं है। नागपुर एयरपोर्ट पर संवाददाताओं से बात करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने साफ शब्दों में कहा कि उनकी सरकार किसी भी हाल में डांस बार शुरू करने की मानसिकता में नहीं है। राज्य की बीजेपी सरकार कानूनन यह कोशिश करेंगे की पाबंदी बनी रहे।

सभी अदालतों ने पाबंदी हटाने का आदेश दिया
महाराष्ट्र में पिछले डेढ़ दशक से डांस बार पर पाबन्दी जारी है। वैसे अब तक किसी भी कोर्ट में यह पाबंदी टिक न सकी। निचली अदालतों में दो बार और सुप्रीम कोर्ट में दो बार इसे झुठलाया जा चुका है। इसके बावजूद अब तक की सरकारों ने पाबन्दी जारी रखी। डांस बार चलाने के लाइसेंस रिन्यू न करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने ऐसा किया। इसी के साथ डांस बार पर पाबंदी के आदेश की उस कमजोर कड़ी को हटा दिया जिससे सामान्य डांस बार और पांच सितारा डांस बार में भेद किया जा रहा था।

याचिका में डांस बार से नुकसान होने का तर्क
इस बीच डांस बार शुरू करने के कोर्ट के फरमान पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं उभर रही हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में डांस बार पर पाबंदी की मांग करने पहुंचे याचिकाकर्ता विनोद पाटील का कहना है कि, महाराष्ट्र में डांस बार के शुरू होने से काफी नुकसान होगा। सूखे से जूझ रहे राज्य में सामाजिक रूप से इसका परिणाम ठीक नहीं होगा। मुंबई पुलिस के पूर्व एसीपी वसंत ढोबले का कहना है कि, डांस बार शुरू होने से वे पुरानी सारी बुराईयां दुबारा शुरू होंगी जो अब तक रुकी हुई थीं।

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डांस बार के खिलाफ सभी दल एकमत
इस बीच 7 दिसंबर से महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है। सरकार की कोशिश है कि इस सत्र में डांस बार पर पाबंदी का कानून और पुख्ता बनाया जाए। डांस बार की पाबन्दी महाराष्ट्र में सर्वदलीय कोशिश थी। ऐसे में पाबंदी का हट जाना राजनेताओं के लिए नाक का मामला है। यही वजह है कि कोई भी राजनीतिक दल डांस बार को चलने देने के पक्ष में नहीं है।