महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र में उद्योग शुरू करने के लिए दलितों को विशेष आरक्षण मिलेगा। ये आरक्षण राज्य सरकार की औद्योगिक जमीन पर दिया जा रहा है। राज्य कैबिनेट ने यह फैसला लिया है। जिसके तहत सूक्ष्म, लघु और मंझोले उपक्रम चलानेवाले दलित कारोबारी ही इस आरक्षण के हक़दार होंगे।
महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MIDC) की कुल जमीन में से 20 फीसदी जमीन इन उद्यमियों के लिए आरक्षित होगी। महाराष्ट्र सरकार के पास इस समय करीब 57 हजार हेक्टेयर औद्योगिक जमीन है। जिसमें से 11 हजार 400 हेक्टेयर पर यह आरक्षण लागू होगा। इस जमीन को दलित उद्यमियों को तय सरकारी दामों से 30 फीसदी कम कीमत पर दिया जाएगा।
महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने सरकारी फैसले पर NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार सभी को एक साथ आगे बढ़ता हुआ देखना चाहती है। इसके तहत MIDC की ज़मीन पर आरक्षण दिया गया है। जिसका लाभ लेनेवाले कारोबारी अगर सफ़ल होंगे तभी मेक इन महाराष्ट्र का उद्देश्य सफल होगा।
उद्योगों के सर्वे में सामने आया है कि अमूमन 15 फीसदी सूक्ष्म, लघु और मध्यम दलित उद्यमी बने हुए हैं। जबकि शिक्षा और सरकारी नौकरी में दलितों के लिए महाराष्ट्र में 13 फीसदी आरक्षण लागू है।
दलितों में उद्यमिता के लिए भरसक कोशिश करते संगठन DICCI के अध्यक्ष मिलिंद काम्बले ने राज्य कैबिनेट के फैसले का स्वागत किया है। उन्हें इस काम के लिए पद्मश्री सम्मान घोषित हुआ है। NDTV इंडिया से बात करते हुए काम्बले ने कहा कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र में भी सरकारी औद्योगिक जमीन पर दलित उद्यमीयों के लिए आरक्षण लागू हो रहा है। सरकारी नौकरी के कम होते अवसर देखते हुए कारोबार करने से ही दलितों में बदलाव आएगा। सरकार की पहल इस तरफ़ सकारात्मक है।