महाराष्ट्र में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

महाराष्ट्र में रेजिडेंट डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल

मुंबई:

महाराष्ट्र में 4000 हज़ार रेजिडेंट डॉक्टर सुरक्षा, स्टाइपेंड में बढ़ोतरी और टीबी के शिकार डॉक्टरों के लिए दो महीने की छुट्टी जैसी मांगों के ना माने जाने के चलते गुरुवार सुबह 8 बजे से अनिश्चित हड़ताल पर चले गए।

महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) की इस हड़ताल को इंडिअन मेडिकल एसोसिएशन का भी समर्थन प्राप्त है। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अपनी 10 मांगों की एक सूची सरकार को दी। उनकी मुख्य मांगें थी रेजिडेंट डॉक्टर्स को मिलने वाले स्टाइपेंड में बढ़ोत्तरी, महिला रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए 2 महीने की मैटरनिटी लीव, मरिजों का इलाज करते वक़्त टीबी से ग्रस्त हुए डॉक्टरों के लिए 2 महीने की पेड लीव और ऑन ड्यूटी डॉक्टरों की सुरक्षा।
सम्पूर्ण महाराष्ट्र में शुरू हुई इस हड़ताल से महाराष्ट्र के 17 और मुम्बई के 4 मेडिकल कॉलेज प्रभावित हुए। मुम्बई के सायन हॉस्पिटल के डीन डॉ. सुलेमान मर्चेंट ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा, 'स्टैंडर्ड स्ट्राइक प्रोटोकॉल लागू कर दिया गया है, हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट्स, लैक्चरार और नॉन रेजिडेंट डॉक्टरों की मदद से अस्पताल की इमरजेंसी सेवाएं जारी रखी जा रही हैं और साथ ही रूटीन सेवाओं को जारी रखने की कोशिश भी की जा रही हैं।'

उज्जैन के मनोज जैन, कई सौ किलोमीटर दूर मुंबई आये अपने 6 महीने के बच्चे का इलाज करवाने के लिए, पर जब केईएम अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि आज उनके बेटे का इलाज नहीं होगा क्योंकि रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल जारी है। 6 महीने के रविन्द्र जैसे कई और मरीज़ भी अस्पताल आये और मायूस होकर चले गए।

महाराष्ट्र रेजिडेंट ऑफ़ डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार को अपनी 10 मांगों की एक सूची दी थी और बुधवार देर रात तक मंत्री विनोद तावड़े के साथ बातचीत भी हुई, पर कोई लिखित आश्वासन न मिल पाने की वजह से हड़ताल शुरू कर दी गयी।

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सरकार का रुख
शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा, '95 फीसदी मांगे मंजूर होने के बावजूद MARD का हड़ताल करना ठीक नहीं है। आज हम उन्हें लिखित में इनकी मांगे मंजूर करने की बात बता देंगे। स्टाइपेंड, ग्रामीण इलाके में प्रैक्टिस का बांड और काम की समय सीमा इन मुद्दों पर सरकार और आंदोलनकारी इन के बीच बात नहीं बनी है। स्टाइपेंड पर 5 हजार रु मासिक बढ़ाएंगे, बॉन्‍ड की 3 साल की छूट जारी है, रेजिडेंट डॉक्टर 24 घंटे कैम्पस में हाजिरी नहीं चाहते। सरकार कह रही है की यह प्रैक्टिकल नहीं है। हम रेजिडेंट डॉक्टर्स को रिलीवर दे सकते हैं।