यह ख़बर 05 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

सईद को पाकिस्तानी सहयोग आतंकवाद को मुख्य धारा में लाने की नीति है : भारत

फाइल फोटो

नई दिल्ली:

भारत ने आज कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी और मुंबई आतंकवादी हमले के सरगना हाफिज सईद एवं उसके संगठन जमात उद दावा को पाकिस्तान का समर्थन 'आतंकवाद को मुख्यधारा में लाने से कम नहीं है।'

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, 'जेयूडी के तथाकथित इश्तिमाह (सभा) में क्या हो रहा है। मेरा मानना है कि इसे आतंकवाद को मुख्य धारा में लाने से कम कुछ नहीं कहा जा सकता। यह समारोह पाकिस्तान के राष्ट्रीय स्मारक में हुआ। इस समारोह में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे। समारोह का प्रचार पूरे पाकिस्तान में हुआ।'

उन्होंने कहा, 'इस समारोह को एक ऐसे संगठन ने आयोजित किया, जिसे न केवल भारत बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राष्ट्र ने भी प्रतिबंधित किया है.. इसे एक ऐसे व्यक्ति ने संबोधित किया जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आतंकवादी घोषित किया हुआ है।'

उन्होंने कहा, 'यह आतंकवाद और आतंकवादी को मुख्य धारा में लाने से कम कुछ नहीं है, जिसे पूरी दुनिया में आतंकवादी घोषित किया गया है।'

उन्होंने कहा कि इस संगठन और समारोह के लिए रेलगाड़ी की सेवाएं मुहैया कराई गईं। प्रवक्ता ने कहा कि यह आतंकवाद पर अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया के प्रति असम्मान है।

उनसे कश्मीर में आतंकवादी हमले और लाहौर में सईद के नेतृत्व वाले जेयूडी के कल से शुरू हो रहे दो दिवसीय सम्मेलन के बारे में पूछा गया था।

प्रतिबंधित सईद ने लाहौर के ऐतिहासिक स्मारक मीनार ए पाकिस्तान में एक जनसभा को संबोधित किया और भारत एवं अमेरिका के खिलाफ विषवमन किया।

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आतंकवादी घोषित होने के बावजूद पाकिस्तान में स्वतंत्र घूमने वाले सईद ने कहा, 'पाकिस्तानी और कश्मीरी सगे भाई हैं और उन्हें अलग नहीं किया जा सकता..जिहाद को आतंकवाद घोषित करने का प्रयास हो रहा है।'