यह ख़बर 02 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

'कलमाडी को साथ लेते या देश की इज्ज़त गंवाते'

खास बातें

  • कलमाडी को उन खेलों की आयोजन समिति का प्रमुख बनाए जाने का ठीकरा राजग शासन पर फोड़ते हुए अजय माकन ने संसद में बयान दिया।
नई दिल्ली:

राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन में लग रहे तरह-तरह के आरोपों के बीच सरकार ने मंगलवार को राजग शासन को लपेटते हुए सफाई दी कि उसके पास राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन रद्द करने अथवा सुरेश कलामाडी को साथ लेकर आगे बढ़ने के दो ही विकल्प थे। और देश की इज्ज़त की खातिर उसने दूसरे विकल्प को चुना। कलमाडी को उन खेलों की आयोजन समिति का प्रमुख बनाए जाने का ठीकरा राजग शासन पर फोड़ते हुए खेल मंत्री अजय माकन ने आज लोकसभा में खुद की ओर से दिए बयान में कहा कि राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन पर राजग सरकार ने हस्ताक्षर किए थे। जब ऐसे किसी विषय पर हस्ताक्षर किया जाता है तो इसमें कोई राजनीतिक पार्टी नहीं होती है बल्कि भारत सरकार होती है। बहरहाल, माकन ने अपने बयान में कहा, मूल बोली में आयोजन समिति के कार्यकारी बोर्ड का अध्यक्ष किसी सरकारी व्यक्ति को और उपाध्यक्ष भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष को बनाये जाने की बात थी। हालांकि बाद में अध्यक्ष के रूप में सरकारी व्यक्ति के शब्द को हटा दिया गया। उस समय कलमाडी आईओए के अध्यक्ष थे। सदन में बयान देने के बाद उन्होंने बाहर संवाददाताओं से कहा, हमारे पास दो ही विकल्प थे, पहला राष्ट्रमंडल खेल के आयोजन को रद्द करके देश को दुनिया के सामने शर्मिदा होने देते.. दूसरा कालमाडी को साथ लेकर खेल का आयोजन करते। हमने दूसरा विकल्प चुना। माकन ने कहा, मेजबान शहर के अनुबंध पर तत्कालीन भारत सरकार के खेल सचिव ने हस्ताक्षर किया और राजग सरकार के कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी जबकि आदर्श रूप से इस पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सरकार के सचिव के हस्ताक्षर और इसके मंत्रिमंडल की मंजूरी होनी चाहिए थी। दुनिया में अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन में ऐसा ही चलन है। आगामी लंदन ओलंपिक में भी इसी पद्धति को अपनाया गया है। खेल मंत्री ने तत्कालीन राजग शासन पर आरोप लगाया कि उस समय अनुबंध के प्रोटोकाल की ठीक ढंग से जांच परख नहीं की गई और न ही प्रावधानों के संबंध में कोई व्यवहार्य विकल्पों की तलाश की गई और न ही सुझाव दिया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल परिसंघ के साथ मेजबान शहर के कानूनी रूप से बाध्यकारी अनुबंध पर 13 नवंबर 2003 को आईओए के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गर्वनर और युवा एवं खेल मंत्री ने हस्ताक्षर किए। माकन ने अपने बयान में कहा कि मेजबान शहर के अनुबंध में कहा गया कि आयोजन समिति को खेल के आयोजन का कानूनी दर्जा होगा। बहरहाल, एक नवंबर 2004 को आईओए महासभा ने सुरेश कलमाडी को राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति का अध्यक्ष चुन लिया। इसने कलमाडी को भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार के साथ समन्वय बनाने को अधिकृत किया। माकन ने कहा कि तत्कालीन केंद्र सरकार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार को अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए था लेकिन उसने स्वयं पहल करते हुए दिल्ली में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के लिए समर्थन पत्र जारी किया और बजटीय स्थिति की चिंता किये बिना राजस्व और खर्च की कमी को पूरा करने की बात कही। इसलिए भारत सरकार संयुक्त रूप से और अलग से सभी प्रतिबद्धताओं के लिए जिम्मेदार हुई।


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