खास बातें
- संप्रग सरकार के प्रमुख घटक दल और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार की रात कहा कि वह डीजल की कीमतों में वृद्धि और एलपीजी के संबंध में लिए गए फैसले से नाखुश हैं और इसे तत्काल वापस लिए जाने की मांग करती हैं।
नई दिल्ली/कोलकाता: संप्रग सरकार के प्रमुख घटक दल और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार की रात कहा कि वह डीजल की कीमतों में वृद्धि और एलपीजी के संबंध में लिए गए फैसले से नाखुश हैं और इसे तत्काल वापस लिए जाने की मांग करती हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के साथ समूचे विपक्ष ने दाम बढ़ाने जाने की निंदा की है। लेफ्ट ने भी कहा कि वह बैठक कर इस मुद्दे पर आगे की रणनीति तय करेगा। समाजवादी पार्टी ने इसे ग़लत बताया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एनडीटीवी से कहा कि ये फैसल ग़लत वक्त पर किया गया है और इससे आम आदमी और किसानों पर बुरा असर पडे़गा। समाजवादी पार्टी ने भी इसे वापस लेने की मांग की है।
उधर, कोयला घोटाले पर सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने के दिल्ली में बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक के वक्त ही इस फैसले की घोषणा हुई। बीजेपी को सरकार पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया। बाइट अनंत कुमार कोयला घोटाले की आग में सरकार ने डीज़ल डाल दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘हम नाखुश और हैरत में हैं क्योंकि लंबे समय बाद संप्रग की समन्वय समिति गठित किए जाने के बावजूद हमसे सलाह लिए बिना इस प्रकार का फैसला किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बिना किसी विचार-विमर्श के डीजल की कीमतें पांच रुपये बढ़ा दी गई। एलपीजी सिलेंडरों पर सालाना छह की संख्या निर्धारित कर दी गई जबकि हर माह चार से पांच सिलेंडरों की जरूरत पड़ती है। एक छोटे परिवार को महीने में तीन सिलेंडरों की दरकार होती है।’’
ममता ने कहा, ‘यदि लोगों को बुरा नहीं लगे तो मैं समर्थन (संप्रग से) वापस लेकर खुश होऊंगी। यदि मैं समर्थन वापस लेती हूं तो अन्य राजनीतिक दल उनका समर्थन करेंगे। उसके बाद हमसे पूछेंगे कि हमने संप्रग क्यों छोड़ा। जब हमने पिछली बार समर्थन वापस लिया था तो लोगों ने हमें गलत समझा था।’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए हम इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर व्यापक चर्चा कर रहे हैं।’
(इनपुट एजेंसीज से भी)