यह ख़बर 15 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

ममता ने तृणमूल सांसदों को भाजपा शासित राज्यों में भेजने की धमकी दी

फाइल फोटो

कोलकाता:

अपने कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा की कथित घटनाओं के खिलाफ भाजपा द्वारा अपने दो केंद्रीय नेताओं को राज्य में भेजे जाने से नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चेतावनी दी कि अगर किसी भाजपा शासित राज्य में कोई घटना होती है तो वह अपने सांसदों को वहां भेज देंगी।

तृणमूल प्रमुख ने यहां कहा, 'मैं मानती हूं कि अब से अगर किसी भाजपा शासित राज्य में कोई घटना होती है, तो हम भी तृणमूल कांग्रेस के केंद्रीय दल को भेजेंगे क्योंकि यह एकतरफा नहीं चल सकता।' उन्होंने कहा, 'वे जैसा करेंगे वैसा पाएंगे। हम कोई अनावश्यक तनाव नहीं चाहते हैं, लेकिन अगर भाजपा मानती है कि वह माकपा के गुंडों से हाथ मिलाकर हिंसा में शामिल होगी तो एक लोकतांत्रिक सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।'

ममता ने कहा, 'भाजपा ने एक महीने में दो दल भेजे हैं। मैं भी वैसा कर सकती हूं। मैं अपने 46 सांसदों को वहां भेज दूंगी। क्या वे यह देखना चाहते हैं कि मैं किस हद तक जा सकती हूं।'

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा में 34 सदस्य हैं और यह निचले सदन में चौथी सबसे बड़ी पार्टी है। वहीं, राज्यसभा में उसके 12 सदस्य हैं।

ममता ने एक स्थानीय समाचार चैनल से बातचीत के दौरान कहा, 'क्यों वे राज्य को अशांत करने का प्रयास कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं यह नहीं चाहती हूं।' उन्होंने कहा, 'अगर केंद्र राज्य के साथ असहयोग करता है तो राज्य भी केंद्र के साथ असहयोग कर सकता है। यह किसी को भी बर्दाश्त नहीं होगा। सरकार और पार्टियां अलग-अलग इकाई हैं।' उन्होंने कहा कि सबको बदले से दूर रहना चाहिए।

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ममता ने दावा किया कि चूंकि भाजपा केंद्र में सत्ता में आई है तो उनकी पार्टी विकास के संबंध में रचनात्मक भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा, 'मैं यह कहना चाहती हूं कि अगर आप अच्छा काम करते हैं तो यह अच्छा है लेकिन हम कुछ बुरा करते हैं तो वे विरोध कर सकते हैं। मुझे उससे कोई समस्या नहीं है। अगर वे सांप्रदायिक सौहार्द के खिलाफ कुछ भी करते हैं या जन विरोधी गतिविधि में शामिल होते हैं तो हम निश्चित तौर पर विरोध करेंगे।' उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के एकबार फिर ‘रचनात्मक भूमिका निभाने’ की बात दोहराई।