यह ख़बर 20 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

ममता बनीं बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री

खास बातें

  • साधारण सफेद साड़ी पहनकर राजभवन पहुंचीं ममता ने बंगाली भाषा में शपथ ली। ममता अपनी मां गायत्री देवी के पांव छूकर घर से निकली थीं।
Kolkata:

ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। बंगाल के इतिहास की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में ममता को राज्यपाल एमके नारायणन ने राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। साधारण सफेद साड़ी पहनकर राजभवन पहुंचीं ममता ने बंगाली भाषा में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल एमके नारायणन ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट पर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। ममता ने शपथ के लिए यह समय खुद तय किया था। ममता अपनी मां गायत्री देवी के पांव छूकर घर से निकलीं और उन्होंने रास्ते में कालीघाट मंदिर में दर्शन किए। वह काली सैंट्रो कार में 1 बजने से कुछ समय पहले राजभवन पहुंचीं। ममता ने जैसे ही खुशी के साथ राजभवन में उत्तरी द्वार से प्रवेश किया, बाहर मौजूद हजारों समर्थकों ने गर्मजोशी से नारेबाजी शुरू कर दी। समारोह में ममता सहित 38 मंत्रियों ने शपथ ली। इसमें कांग्रेस कोटे के दो मंत्री भी शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस के कोटे से मंत्री बनने वालों में अमित मित्रा, पार्थ चटर्जी, मनीष गुप्ता, सुब्रत मुखर्जी, अब्दुल करीम चौधरी, सधान पांडे, उपेन बिश्वास, साबित्री मित्रा, ब्रत्य बसु, मदन मित्रा और नूरे आलम प्रमुख हैं। शपथ ग्रहण समारोह में प्रणब मुखर्जी, पी चिदंबरम और एके एंटनी समेत 3000 मेहमान मौजूद रहे,  जिसमें कई बड़े नेता, व्यवसायी और कला-साहित्य के कई दिग्गज शामिल थे। पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी इस समारोह में मौजूद थे। पिछले हफ्ते आए चुनाव नतीजों में ममता की तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस गठबंधन को 294 सदस्यों वाली विधानसभा में 226 सीटें मिली थी और इस जीत के साथ ही 34 साल से चला आ रहा लेफ्ट का शासन खत्म हो गया।(इनपुट भाषा से भी)


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