यह ख़बर 14 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

ममता बोलीं, न्यायपालिका का एक हिस्सा है भ्रष्ट

खास बातें

  • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि न्यायपालिका का एक हिस्सा भ्रष्ट है। उन्होंने दावा किया कि अदालत के फैसले धन से खरीदे जाने के कई उदाहरण हैं।
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि न्यायपालिका का एक हिस्सा भ्रष्ट है। उन्होंने दावा किया कि अदालत के फैसले धन से खरीदे जाने के कई उदाहरण हैं।

पश्चिम बंगाल विधानसभा की प्लैटिनम जयंती पर आयोजित समारोह के अवसर पर ममता ने कहा, "कई बार धन के बदले में अनुकूल फैसले दे दिए जाते हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जब फैसले खरीदे गए हैं। न्यायपालिका के एक हिस्से में भ्रष्टाचार है। मैं जानती हूं कि यह कहने पर मेरे खिलाफ मुकदमा किया जा सकता है। लेकिन यह जरूर कहूंगी और यह कहने के लिए मैं जेल जाने को तैयार हूं।" उन्होंने न्यायिक आयोगों के विवेक पर भी सवाल उठाया।

ममता ने कहा, "कई न्यायिक आयोग गठित किए गए लेकिन परिणाम कहां है? इन आयोगों पर काफी धन खर्च किए गए लेकिन उन्होंने केवल उच्चाधिकारियों से बात की और कुछ नहीं किया।"

गौरतलब है कि मजबूती से अपनी बात रखने वाली ममता बनर्जी ने पिछले साल कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल अग्निकांड में 94 लोगों की मौत के बाद जांच आयोग गठित की थी तथा ऐसे कई अन्य आयोग भी गठित कर चुकी हैं।

ममता की इस टिप्पणी की तीखी आलोचना हुई है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अरुणाभा घोष ने कहा कि ममता उत्पीड़न-कुंठा से ग्रस्त हैं और उनकी यह टिप्पणी अदालत की आपराधिक अवमानना के समान है।

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अरुणाभा ने कहा, "वह इस तरह न्यायपालिका को बदनाम नहीं कर सकतीं। यह निश्चित रूप से अदालत की आपराधिक अवमानना है। समस्या यह है कि वह उत्पीड़न-कुंठा से ग्रस्त हैं। यदि फैसला उनके पक्ष में आए तो अदालत ईमानदार है। लेकिन सिंगूर पर फैसला चूंकि उनके खिलाफ गया, इसलिए वह अब न्यायपालिका पर भ्रष्ट होने का आरोप लगा रही हैं।"