मनमोहन सिंह ने कहा-नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर, जेटली ने कहा- टैक्स वसूली बढ़ी

मनमोहन सिंह ने कहा-नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर, जेटली ने कहा- टैक्स वसूली बढ़ी

वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (फाइल फोटो).

नई दिल्ली:

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और इसकी वजह से जीडीपी पिछले साल के मुकाबले इस साल कम रहेगी. इस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था पर बुरे असर की जो बात कही जा रही है, वह सही नहीं है. आंकड़े बता रहे हैं कि इससे टैक्स की वसूली बढ़ी है.

इसी हफ्ते अखिल भारतीय मैन्युफैक्चरर्स संघ ने बताया कि नोटबंदी के पहले 34 दिन में सूक्ष्म और छोटे उद्योगों में 35 फीसदी तक रोजगार कम हुआ और राजस्व में 50% तक की गिरावट आई.

इस साल दिसंबर में बीते साल दिसंबर के मुकाबले अप्रत्यक्ष कर 14.2 फीसदी बढ़ गया, जबकि अप्रैल से दिसंबर के बीच ये बढ़ोतरी 25 फीसदी की रही. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह आंकड़े पेश करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में गिरावट की बात बहुत जल्दबाजी में की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर भी बढ़ा है. अप्रैल से दिसंबर के बीच प्रत्यक्ष कर 12.1 फीसदी बढ़ा है जबकि सर्विस टैक्स में 23.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जेटली ने कहा कि जो लोग नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान की बात कर रहे हैं उनके पास तथ्य नहीं हैं.

इशारा साफ है कि नोटबंदी के बावजूद अर्थव्यवस्था की सेहत गिरी नहीं है. सरकार का दावा है कि नोटबंदी के बाद टैक्स कलेक्शन बढ़ा है. अर्थव्यवस्था को इससे फायदा होगा. लेकिन विपक्ष सरकार के इस दावे पर सवाल खड़े कर रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है और इसकी वजह से जीडीपी पिछले साल के मुकाबले इस साल कम रहेगी. मनमोहन सिंह ने सोमवार को कहा कि सेंट्रल स्टेटिस्टिकल ऑर्गनाइजेशन ने शुक्रवार को ही रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक इस साल जीडीपी की ग्रोथ रेट पिछले साल के 7.6% से गिरकर 7.1% रहने का अनुमान है...जब इसमें नोटबंदी के असर को शामिल किया जाएगा तो 2016-17 में जीडीपी की ग्रोथ रेट और कम होगी.

इसी हफ्ते अखिल भारतीय मैन्युफैक्चरर्स संघ ने बताया कि नोटबंदी के पहले 34 दिन में सूक्ष्म और छोटे उद्योगों में 35 फीसदी तक रोजगार कम हुआ और राजस्व में 50% तक की गिरावट आई. वित्त मंत्र की प्रेस कॉन्फ्रेंस इसका जवाब रही, लेकिन सवाल बचे रहे.


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