मुंबई के हर मल्टीप्लेक्स को 'प्राइम टाइम' में दिखानी होगी मराठी फिल्म : महाराष्ट्र सरकार

मुंबई:

मुंबई : मराठी फ़िल्म को मल्टीप्लेक्स में अहम जगह दिलाने के लिए महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने कमर कस ली है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि मल्टीप्लेक्स में शाम 6 से रात 9 बजे के बीच का एक शो मराठी फ़िल्म के लिए रखना जरूरी होगा।

महाराष्ट्र विधानमंडल में हुई बहस के दौरान राज्य के सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावड़े ने यह सूचना दी। तावड़े ने यह भी कहा कि फैसले को अमल में लाने के लिए जरूरी सरकारी आदेश जल्द ही जारी होंगे।

महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने सन 2010 में एक आदेश पारित कर यह कहा था कि सालभर में हर मल्टीप्लेक्स को 124 शोज मराठी फिल्मों को देने होंगे। हालांकि, यह शिकायत आम हुई कि सरकारी आदेश को मल्टीप्लेक्स धता बता रहे हैं। इस तहत मराठी फिल्मों के शोज प्राइम टाइम में शायद ही चलते थे। इसके खिलाफ मराठी फ़िल्म उद्योग और राजनीतिक दलों ने तत्कालीन सरकार के पास शिकायत की थी। जिस पर गौर करते हुए 124 शोज मराठी फिल्मों को देने का आदेश जारी हुआ।

अब, बीजेपी सरकार ने इसमें एक कदम आगे बढ़ते हुए मराठी फिल्मों के लिए प्राइम टाइम में जगह बनायी है। कारोबार से जुड़े लोग इस ऐलान को अपने नजरिए से देखते हैं। कार्निवल सिनेमाज के एसोसिएटेड वाइस प्रेजिडेंट राजेश माखीजा ने NDTV इंडिया से बात करते हुए कहा कि, "अच्छा कन्टेन्ट आएगा तो लोग मराठी फिल्में देखेंगे। सरकार को इसके लिए मराठी फिल्मकारों को प्रोत्साहित करना होगा। लेकिन, किसी भी कानूनी सख्ती से यह कोशिश होगी तो इस से सरकारी टैक्स का नुकसान होने का डर है।"

वैसे इस मुद्दे को लेकर ट्विटर पर भारी बवाल पैदा हो गया। वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने ट्वीट कर सवाल पूछा कि क्या बॉलीवुड को अब मुम्बई से बाहर चला जाना चाहिए? ट्विटर पर हुए विवाद पर महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री तावड़े को सफाई देनी पड़ी। मंत्री ने खुलासा कर कहा कि मराठी फिल्मों को मल्टीप्लेक्स में प्राइम टाइम का केवल एक शो देना है। इस से अन्यथा न लें।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वैसे, 100 से 150 करोड़ रुपये हर साल का निवेश प्राप्त करने वाली मराठी फिल्म इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की पहल समझी जा सकती है। बस उसे यह भूलना नहीं चाहिए कि फिल्मों का बाजार अपने नियम और शर्तों पर चलता है जिसे दर्शक तय करते हैं।