नई दिल्ली: म्यांमार सीमा पर नगा उग्रवादियों पर सेना की कार्रवाई के बाद ऐसी और कार्रवाइयां हो सकती हैं। गृह मंत्रालय ने ये इशारा करते हुए एक हाई अलर्ट भी जारी किया है कि अब एनएससीएन के उग्रवादी भारतीय इलाक़ों में जवाबी कार्रवाई की कोशिश कर सकते हैं।
4 जून को भारतीय सैनिकों पर घात लगाकर किए गए हमले का भारतीय स्पेशल फोर्स ने मुंहतोड़ जवाब तो दे दिया है, लेकिन ख़तरा अभी टला नहीं है।
गृह मंत्रालय के सूत्र बता रहे हैं कि एनएससीएन के उग्रवादी हताशा में जवाबी कार्रवाई की बात सोच सकते हैं। सेना के हमलों से बचकर भागे कुछ उग्रवादी, संभव है कि भारतीय सीमा में चले आए हों। कई घायल उग्रवादी यांगून में इलाज करा रहे हैं। ऐसा नहीं कि म्यांमार सेना पूरी तरह उनके ख़िलाफ़ है।
एनएससीएन खपलांग गुट पर भारतीय सेना की कार्रवाई की समीक्षा के लिए गुरुवार को गृह मंत्रालय में एक अहम बैठक भी हुई। बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल रहे। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ऐसी और भी कार्रवाइयों की योजना बना रही है। उसके पास तिराप, चामलांग और कोहिमा के ऊपरी हिस्से में उग्रवादियों के जमाव की ख़बर है।
भारत को एनएससीएन के मुइवा गुट ने खपलांग के ख़िलाफ़ कार्रवाई में सहयोग की पेशकश की है। हालांकि भारत एक उग्रवादी गुट की ये मदद लेने को तैयार नहीं है। हालांकि धीरे-धीरे ये सवाल भी उठ रहा है कि भारत जितने जोर-शोर से सीमा पार ऐसी कार्रवाइयों की बात कर रहा है, क्या उससे अपने पड़ोसियों से हमारे रिश्तों में नया तनाव पैदा नहीं होगा।