सेंसेर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: क्या सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को जाना पड़ सकता है? सरकारी सूत्र कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैं। उनके ख़िलाफ़ जैसे एक मुहिम चल पड़ी है। इन सबके अलावा बताया जा रहा है कि मोदी भक्ति उन्हें भारी पड़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सेंसर बोर्ड अध्यक्ष पहलाज निहलानी का प्रेम ही शायद इनके लिए ख़तरा बन गया। ताजा मामला पहलान निहलानी द्वारा तैयार किए गए एक वीडियो से जुड़ा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान किया गया है। उन्हें इस वीडियो में बतौर 'ऐक्शन हीरो' दिखाया गया है।
सरकारी सूत्रों की मानें तो थिएटरों में इस म्यूज़िक वीडियो के रिलीज़ से हुई सेंसर बोर्ड की किरकिरी के बाद अब बोर्ड के अध्यक्ष की कुर्सी जा सकती है। निहलानी के इस म्यूज़िक वीडियो में प्रधानमंत्री का ज़िक्र है। सूत्रों की मानें तो इसे रिलीज़ करने से पहले केंद्र से अनुमति ज़रूरी थी जो नहीं ली गई। बोर्ड में आपसी टकराव और बढ़ती ज़ुबानी जंग भी केंद्र की नाराज़गी बढ़ा चुका है, ऐसे में खबर है कि 24 सदस्यों वाले बोर्ड को भी बदला जा सकता है।
सरकार की हालिया फजीहत जेम्स बॉन्ड के किसिंग सीन काटे जाने ने भी खूब करवाई, हालांकि पहलाज ने खुद 'स्पेक्टर' देखने से इंकार किया। पर सेंसर बोर्ड पर हद से ज्यादा संस्कारी बन जाने पर बोर्ड के सदस्य अशोक पंडित खुलकर कई गंभीर आरोपों के साथ पहलाज निहलानी के खिलाफ़ सामने आए।
इधर सेंसर बोर्ड की आपसी जंग के बीच फ़िल्माकारों ने ऑनलाइन एक स्पूफ़ बनाकर सेंसरशिप के खिलाफ़ मुहिम शुरू की है। इस वीडियो में फ़िल्मकार दिबाकर बनर्जी, सुधीर मिश्रा, महेश भट्ट, और हंसल मेहता फ़िल्म के शुद्धिकरण का मज़ाक उड़ाते हुए 'तितली' फ़ेम कनु बहल को सेंसर बोर्ड की सख्ती से बचने के उपाय सुझा रहे हैं। फ़िल्मकार और बोर्ड के सदस्य लंबे वक्त से निहलानी के खिलाफ़ बोलते रहे पर सरकार की नाराज़गी अब इनपर भारी पड़ सकती है।