यह ख़बर 04 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भारत माता का कर्ज चुकाना चाहते हैं मोदी, पीएम पद की महत्वाकांक्षा स्वीकार की

खास बातें

  • प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षा को वस्तुत: स्वीकार करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि हर बच्चे का कर्तव्य है कि वह ‘भारत माता’ का कर्ज चुकाए।
गांधीनगर:

प्रधानमंत्री पद की अपनी महत्वाकांक्षा को वस्तुत: स्वीकार करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि हर बच्चे का कर्तव्य है कि वह ‘भारत माता’ का कर्ज चुकाए।

मोदी ने कहा, ‘‘न सिर्फ मोदी बल्कि हर बच्चे और नागरिक का भारत माता के प्रति ऋण है, यह उसका कर्तव्य है कि जब भी अवसर आए, वह उसे चुकाए। एक डॉक्टर किसी की जान बचाकर भारत माता के प्रति अपना कर्ज चुकाता है, एक शिक्षक बच्चों को पढ़ाकर ऐसा करता है।’’

वर्ष 2014 के आम चुनाव में राष्ट्रीय राजनीति में उनकी बड़ी भूमिका के संबंध में भाजपा में कई लोगों की मांग रही है। राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार होने का साफ संकेत देते हुए मोदी ने कहा, ‘‘हर किसी को यह ऋण चुकाना है, मुझे उम्मीद है कि भारत माता आशीर्वाद देती हैं और कोई व्यक्ति कर्ज चुकाए बिना नहीं जाता।’’

मोदी को हाल ही में भाजपा संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है जो पार्टी में निर्णय लेने वाला शीर्ष निकाय है। कइयों का मानना है कि मोदी को संसदीय बोर्ड में शामिल किया जाना उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए औपचारिक उम्मीदवार मनोनीत किए जाने का पहला कदम है।

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मोदी यहां एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे। मोदी ने राजनीतिक अर्थों वाली यह टिप्पणी उस समय की, जब वह पुस्तक के लेखक आरपी गुप्ता के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, ‘‘मोदीजी ने गुजरात का कर्ज चुका दिया है, अभी भारत मां का कर्ज चुकाना है।’’