खास बातें
- मौसम विभाग उम्मीद बंधा रहा है कि जुलाई−अगस्त में इतनी बारिश होगी कि जून की कमी पूरी हो जाएगी। लेकिन केंद्र सरकार इस उम्मीद के सहारे नहीं चल रही है।
नई दिल्ली: मानसून ने और धोखा दिया तो संकट पैदा हो सकता है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वह किसी भी इमरजेंसी से निबटने के लिए तैयार रहें। अब सबकी नजर आसमान पर है।
मौसम विभाग उम्मीद बंधा रहा है कि जुलाई−अगस्त में इतनी बारिश होगी कि जून की कमी पूरी हो जाएगी। लेकिन केंद्र सरकार इस उम्मीद के सहारे नहीं चल रही है। राज्यों को केंद्र सरकार ने सतर्क किया है कि अगर 15 जुलाई तक बारिश नहीं होती है तब वे आपात योजना तैयार रखें। किसानों के लिए ज़िला स्तर पर राहत योजना बनाने का निर्देश दिया गया है।
साथ ही राज्य सरकारों को यह भी कहा गया है कि किसानों को ऐसी फसलें उगाने के लिए तैयार किया जाए जिनमें पानी कम लगता हो।
ऐसे में कम पानी में उगने वाली फसल को प्राथमिकता देने की हिदायत भी दी गई है। ऐसी फसलों के बीज और ज़रूरी खाद भी किसानों को मुहैया कराने को भी कहा गया है।
बता दें कि पानी बरसने में जो देरी हुई है उसका असर ख़रीफ की बुआई पर भी पड़ रहा है। सरकार हर हफ्ते धान और दूसरी खरीफ़ फसलों पर नज़र रखे हुए है।
उधर, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने भी तैयारी शुरू कर दी है। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर आश्वासन दिया है कि अगर मौनसून कमज़ोर पड़ता है तब सरकार गरीब लोगों को महात्मा गांधी नरेगा योजना के ज़रिये रोज़गार दिलाने के लिए हर संभव मदद करेगी।