यह ख़बर 05 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

संसद में छाया रहा तेलंगाना और बोडोलैंड, कार्यवाही बाधित

खास बातें

  • संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में तेलंगाना व बोडोलैंड का मुद्दा छाया रहा, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई और कई बार के स्थगन के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
नई दिल्ली:

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में तेलंगाना व बोडोलैंड का मुद्दा छाया रहा, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई और कई बार के स्थगन के बाद अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

रायलसीमा और आंध्र क्षेत्र के सांसदों ने जहां आंध्र प्रदेश का विभाजन कर पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का विरोध किया, वहीं असम के कुछ सांसदों ने अलग बोडोलैंड राज्य की मांग को लेकर हंगामा किया। हंगामे के बीच ही केंद्रीय खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने लोकसभा में खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पेश किया, जिसे इस सप्ताह के आखिर में पारित किए जाने के लिए पेश करने की उम्मीद है।

लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद आंध्र क्षेत्र से कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान आंध्र प्रदेश के विभाजन के विरोध में आवाज उठाई। वे अध्यक्ष के आसन के समक्ष जाकर नारेबाजी करने लगे। उनके हाथों में 'हम सीमांध्र क्षेत्र के लिए न्याय चाहते हैं' और 'हम एकीकृत आंध्र प्रदेश चाहते हैं' के नारे लिखी तख्तियां थीं।

वहीं, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के सदस्य एसके विश्वमुथियारी ने असम से अलग बोडोलैंड राज्य के गठन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। उनके हाथ में 'बोडोलैंड के सांसद अलग बोडोलैंड राज्य की मांग करते हैं' लिखा बैनर था।

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सांसदों से अपनी-अपनी सीटों पर जाकर बैठने के लिए कहा। उन्होंने सांसदों को यह आश्वासन भी दिया कि शून्यकाल के दौरान उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन उनकी अपील अनसुनी कर दी गई, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी।

लोकसभा में दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी यही स्थिति बनी रही, जिसके कारण सदन की कार्यवाही पहले दोपहर दो बजे तक, फिर अपराह्न तीन बजे तक और अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

उधर, राज्यसभा में कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई। सभापति हामिद अंसारी ने हाल में दिवंगत हुए सांसदों एवं अन्य लोगों को श्रद्धांजलि दी और नए सदस्यों को शपथ दिलाई। इसके तुरंत बाद सीमांध्र क्षेत्र के सांसद सभापति के आसन के समक्ष एकत्र हो गए।

वहीं, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के सदस्य विश्वजीत दायमरी भी सभापति के आसन के समक्ष आकर असम में अलग बोडोलैंड राज्य के गठन की मांग करने लगे। हंगामे को देखते हुए राज्यसभा की कार्यवाही पहले 15 मिनट के लिए, फिर दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

दोपहर में सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी पृथक तेलंगाना के विरोध में प्रदर्शन जारी रहा। तेदेपा के सीएम रमेश तथा वाईएस चौधरी सभापति के आसन के समक्ष एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। उपसभापति पीजे कुरियन ने उनसे अपनी सीटों पर जाने के लिए कहा, लेकिन सदस्यों ने उनकी अपील अनसुनी कर दी। हंगामे को देखते हुए उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

दोपहर दो बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा बरकरार रहा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एम. वेंकैया नायडू ने कांग्रेस सरकार पर इस मुद्दे को ठीक से नहीं निपटाने का आरोप लगाया। बाद में हंगामे को देखते हुए उपसभापति कुरियन ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। रायलसीमा और तटीय आंध्र क्षेत्र के सांसदों ने संसद भवन के बाहर भी प्रदर्शन किया।

राज्यसभा ने समर मुखर्जी तथा खुर्शीद आलम खान सहित अपने पूर्व दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी। सदन ने उत्तराखंड में बाढ़ में मरने वाले लोगों तथा छत्तीसगढ़ में मई में नक्सल हमले में मारे गए कांग्रेस नेताओं को भी श्रद्धांजलि दी।

लोकसभा ने भी छत्तीसगढ़ में नक्सल हमले में मारे गए महेंद्र कर्मा तथा वीसी शुक्ला सहित दिवंगत सांसदों, उत्तराखंड में बाढ़ से मरने वालों तथा बिहार में संक्रमित मध्याह्न भोजन खाने से मरने वाले 23 बच्चों को श्रद्धांजलि दी।

दोनों सदनों ने चैम्पियंस ट्रॉफी में जीत के लिए भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई भी दी। साथ ही अन्य खेलों के खिलाड़ियों को भी उनकी जीत के लिए बधाई दी।

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इस बीच, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल के नए सदस्यों से भी दोनों सदनों को परिचित कराया।