यह ख़बर 13 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

संसद के 60 साल हुए पूरे, सांसदों ने जताई लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता

खास बातें

  • संसद की पहली बैठक के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को लोकसभा और राज्यसभा में आयोजित विशेष बैठकों में सांसदों ने देश के बहुआयामी लोकतंत्र और पिछले छह दशक में संघर्षों के समाधान तथा तनाव दूर करने में दोनों सदनों की भूमिकाओं को याद किया।
नई दिल्ली:

संसद की पहली बैठक के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को लोकसभा और राज्यसभा में आयोजित विशेष बैठकों में सांसदों ने देश के बहुआयामी लोकतंत्र और पिछले छह दशक में संघर्षों के समाधान तथा तनाव दूर करने में दोनों सदनों की भूमिकाओं को याद किया। सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में लगातार कार्यवाही बाधित होने पर भी चिंता जताई।

संसद की विशेष बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि लगातार लोकतंत्र के पथ पर अग्रसर रहने के कारण ही विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।

प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में कहा, "विश्व में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ने का एक कारण सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं को सुलझाने लिए लोकतंत्र के पथ पर अग्रसर होने की हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता है।"

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संसद की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ पर रविवार को देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि लोकतंत्र की कामयाबी का असली श्रेय उन्हीं को जाता है क्योंकि वे चुनावों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कहा कि सांसदों को संविधान निर्माताओं द्वारा स्थापित आदर्शो को जीवन में उतारना चाहिए। लोकसभा में सोनिया ने कहा, "संसद की अब तक यात्रा आसान या बगैर चुनौतियों के नहीं रही है। संसद की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ इन वर्षों में संसद द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को भी प्रदर्शित करता है।"

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रविवार को लोकसभा को 'ग्रेट शॉक एब्जॉर्बर' करार देते हुए कहा कि पिछले 60 साल के अपने कार्यकाल के दौरान इसने कई विवाद निपटाए और तनाव हल किए हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा, "सबसे बड़ी सफलता यह है कि भारत बड़ा व सफल लोकतंत्र बनकर उभरा है। लोकतंत्र की सफलता का कारण विरोधी विचारधारा के लिए सम्मान है।"

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने गतिरोधों के कारण संसद के नष्ट होने वाले समय का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि सांसदों के लिए प्रति वर्ष 100 बैठकों को अनिवार्य बना देना चाहिए।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि ऐसे में जबकि राष्ट्र संसद की 60वीं वर्षगाठ मना रहा है, सामाजिक न्याय और आतंकवाद भारतीय लोकतंत्र की दो प्रमुख चुनौतियां हैं।

इसके अतिरिक्त गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य सुविधाएं, महिला सशक्तीकरण आने वाले दशकों में बड़ी चुनौतियां होंगी।

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वहीं, भीमराव अम्बेडकर के विवादास्पद कार्टून पर जनता दल (युनाइटेड) के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को असहमति का अधिकार होना चाहिए।