यह ख़बर 19 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

मुलताई गोलीकांड : पूर्व विधायक सुनीलम सहित तीन को उम्रकैद

खास बातें

  • मुलताई न्यायालय के न्यायाधीश एससी उपाध्याय ने मुलताई गोलीकांड में हत्या के दोषी पाए जाने पर पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास एवं हत्या के प्रयास में सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
बैतूल:

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई में किसानों पर हुई गोलीबारी के प्रकरण पर 14 वर्ष बाद फैसला आया है। मुलताई न्यायालय के न्यायाधीश एससी उपाध्याय ने मुलताई गोलीकांड में हत्या के दोषी पाए जाने पर पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास एवं हत्या के प्रयास में सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

ज्ञात हो कि वर्ष 1997 में अतिवृष्टि एवं गेरुआ रोग के कारण खराब फसलों के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का नेतृत्व करते हुए डॉ. सुनीलम ने किसान आंदोलन किया था, जिसके तहत 12 जनवरी 1998 को तहसील घेराव के दौरान पुलिस ने गोली चलाई थी जिसमें 18 किसानों सहित अग्निशमन वाहन के एक चालक की मौत हो गई थी। डॉ. सुनीलम तथा अन्य पर पुलिस को गोलीबारी के लिए उकसाने का आरोप है।

इस मामले में पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत अलग-अलग 66 मामले दर्ज किए थे, जिनमें से तीन मामलों में गुरुवार को मुलताई के अपर सत्र न्यायाधीश ने अपना फैसला सुनाया था और सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

शुक्रवार को अपर मुख्य न्यायाधीश एससी उपाध्याय ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में मुलताई के पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम, मुलताई के व्यवसायी प्रहलाद अग्रवाल एवं परमंडल के शक शेशू उर्फ शेशराव भगत को धारा 302 के तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपये का जुर्माना तथा धारा 302 के तहत सात-सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई।

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फैसला सुनाए जाने के समय शुक्रवार को न्यायालय में गहमा-गहमी का माहौल रहा। गुरुवार को सुनीलम व दो अन्य को दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया गया था। सभी को सजा का इंतजार था। आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने से किसान व सुनीलम के साथी बेहद दुखी थे। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने का मन बनाया है।