यह ख़बर 10 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

आखिरकार मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ा 'छतरीवाला' चोर

मुंबई:

मुंबई के घाटकोपर इलाके में पिछले महीने की 25 अगस्त को हुए एक बैंक से लगभग 55 लाख रुपये की चोरी की घटना को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। इस मामले में मास्टरमाइंड सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

हैरानी की बात यह है कि इस घटना को अंजाम देने में बैंक की एक महिला अधिकारी भी शामिल है जिसने आरोपी की चोरी में मदद की है।

गिरफ्तार हुए शख्स का नाम ऋषिकेश मणिनाथ बारीक़ है। 33 साल के बारीक को मुंबई पुलिस ने उड़ीसा से गिरफ्तार किया। घाटकोपर के कैनरा बैंक में 25 अगस्त की शाम जब बैंक बंद हुआ तब 7 से 8 बजे के बीच यह शख्स डुप्लीकेट चाबियों के साथ मौका देख कर बैंक में घुस गया और बैंक के लॉकर में रखे 55 लाख रुपये महज पांच मिनट में लेकर रफूचक्कर हो गया।

चोरी की जानकारी बैंक कर्मचारियों ने पुलिस को अगले दिन सुबह दी, मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो उसके पसीने छूट गए क्योंकि बैंक में मौजूद सीसीटीवी में यह शातिर चोरी करते हुए दिख तो रहा था लेकिन चोरी करने के दौरान इसने जो तरीका अपनाया उससे पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा।

इस शातिर चोर ने चोरी करने से पहले काफी तैयारी की थी, रेनकोट पहनकर और छतरी तानकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया, ताकि पुलिस को सुराग न मिल पाए। लेकिन, जांच के बाद पुलिस के हाथ एक सुराग लगा वह थे मुंबई में मौजूद डुप्लीकेट चाबी बनाने वाले।

लगभग 250 चाबी वालों से पूछताछ के बाद दो चाबी वालों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया, जिनके नाम यूसुफ खान और इमरान खान हैं। इन दोनों ने पुलिस को इस चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड शख्स का सुराग दिया।

इसी दरमियान पुलिस ने शहर में हुए इसी तरीके की चोरी की वारदात की लिस्ट बनाई। पांच जगहों पर इसी तरह से चोरी हुई थी, लेकिन सभी अनसुलझे थे। सुराग मिलने के बाद पुलिस ने ऋषिकेश को उड़ीसा से गिरफ्तार किया, जांच में पुलिस को पता लगा कि अबतक शहर में जिन पांच बैंको पर इसी प्रकार की चोरी हुई थी वह सभी चोरी ऋषिकेश ने ही की थी।

डीसीपी विनय राठौड़ के मुताबिक चोरी की वारदात को अंजाम देने के पहले यह आरोपी पहले बैंक में चाय देने का काम करता और लगभग एक से दो महीने काम करने के बाद किसी न किसी कर्मचारी या अधिकारी को पैसे का लालच देकर बैंक में मौजूद लॉकर और बाकी जगहों की डुप्लीकेट चाबियां बनवाता फिर एक दिन मौका पाकर हाथ साफ़ कर देता था।

पुलिस ने बताया की अबतक इसने मुंबई शहर के पांच बड़े-बड़े बैंको में चोरी की है। इनमें 2006 में देना बैंक, शिवाजी पार्क ब्रांच। 2011 में यूनियन बैंक, शिवाजी पार्क ब्रांच। 2012 में देना बैंक शिवाजी पार्क ब्रांच। 2013 में देना बैंक. गोवंडी ब्रांच और एक्सेलेंट को-ऑप बैंक, मरोल ब्रांच शामिल है।

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पुलिस ने आरोपी से 19 एटीएम कार्ड, 30 नकली चाबी और चोरी के पैसों से लिए गए 15 प्लॉट के कागजात, रेनकोट, छतरी, हेलमेट, बूट आदि चीज़ें बरामद की हैं। आगे की जाँच के लिए फ़िलहाल अदालत ने इन्हें 12 सितम्बर तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है।