यह ख़बर 15 जुलाई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अमेरिका से मदद मांग सकता है भारत

खास बातें

  • मुम्बई में बुधवार को हुए बम विस्फोटों का स्पष्ट सुराग न मिलता देख भारत इसकी जांच में अमेरिका की मदद ले सकता है।
नई दिल्ली:

मुम्बई में बुधवार को हुए बम विस्फोटों का स्पष्ट सुराग न मिलता देख भारत इसकी जांच में अमेरिका की मदद ले सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ मंगलवार को होने वाले कूटनीतिक संवाद के समय भारत मदद की मांग कर सकता है। जानकार सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के अलावा दोनों नेता परमाणु करार को लेकर उपजीं चिंताओं पर चर्चा करने के साथ ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सम्बंधित जानकारियों को साझा करेंगे। ज्ञात हो कि क्लिंटन अपनी तीन दिनों की यात्रा पर 18 जुलाई को भारत पहुंच रही हैं। वह अपनी यात्रा के दौरान अमेरिकी निवेश के केंद्र में उभर रहे चेन्नई भी जाएंगी। जानकार सूत्रों ने बताया कि भारत और अमेरिका खासकर 26/11 के आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद से निपटने और खुफिया जानकारियों के लिए सूचनाओं की साझेदारी करते आ रहे हैं। सूत्रों ने हालांकि विस्तार से यह नहीं बताया कि मुम्बई में 13 जुलाई को हुए आतंकवादी हमले के सिलसिले में भारत अमेरिका से किस प्रकार का सहयोग चाहता है। उल्लेखनीय है कि क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान उनके साथ राष्ट्रीय खुफिया विभाग के निदेशक जेम्स आर. क्लैपर और आंतरिक सुरक्षा विभाग में उप सचिव जेन हॉल लुटे सहित आतंकवाद निरोधी शीर्ष अमेरिकी अधिकारी होंगे। वहीं, भारतीय शिष्टमंडल में योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा, विदेश सचिव निरुपमा राव, विदेश सचिव मनोनीत रंजन मथाई, गृह, वाणिज्य एवं पर्यावरण मंत्रालयों के सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक नेहचल संधू शामिल होंगे।


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