मुंबई: वह मासूम समझ ही नहीं पाई कि जिस मौसा के साथ वह कार में बैठकर घूमने जा रही है, वह कत्ल के इरादे से आया है। 29 जून की शाम फ्रांसिला स्कूल बस से उतरकर अपनी बिल्डिंग में प्रवेश करने ही वाली थी कि पास खड़ी लाल कार से उसे किसी ने आवाज दी।
वह मासूम कार के पास गई। अंदर बैठे शख्स को देख मुस्कुराई और बात करने लगी। फिर कार का दरवाजा खुला और वह उसमें बैठकर चली गई। दूर खड़ा एक युवक यह सब दख रहा था।
करीब घंटाभर बाद भी जब फ्रांसिला घर नहीं आई तो मां को चिंता हुई। आसपास सब जगह तलाश की गई, लेकिन फ्रांसिला का कुछ पता नहीं चला। थक हार कर रबाले पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई।
अदालत का आदेश है कि 10 साल से कम उम्र के बच्चे अगर लापता भी होते हैं तो पुलिस अपहरण का मामला दर्ज कर उसकी तलाश करें।
लिहाजा रबाले पुलिस ने मामला दर्ज कर क्राइम ब्रांच के साथ 11 अलग-अलग टीमें बनाई और फ्रांसिला की तलाश में जुट गई।
इस तरह के मामलों में अमूमन अगवा किए गए बच्चों की खबर और तस्वीरें सार्वजनिक नहीं की जातीं, क्योंकि उस मासूम की जान का खतरा बना रहता है।
घरवालों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई उनकी मासूम बच्ची को अगवा करेगा इसलिए उन्होंने न सिर्फ फ्रांसिला के फोटो सोशल मीडिया पर दिए बल्कि जगह-जगह पोस्टर लगाकर उसे खोजने वाले को इनाम देने का ऐलान भी किया। फ्रांसिला की तलाश में उसका मौसा भी उसी तरह जुटा रहा जिस तरह परिवार के दूसरे लोग लगे थे।
इस बीच पुलिस भी अपना काम करती रही। फ्रांसिला को लाल कार में जाते हुए देखने वाले लड़के से भी पुछताछ हुई। फिर आसपास की सीसीटीवी तस्वीरें खंगाली गईं।
तस्वीरों से पता चला कि लाल कार में आगे बैठा एक शख्स फ्रांसिला के मौसा क्लेरेंस जैसा दिख रहा है। फिर पुलिस ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। उसका कॉल डिटेल निकाला और लोकेशन जांचना शुरू कर दिया। जब पुलिस को यकीन हो गया कि फ्रांसिला को अगवा करने वाला कोई और नहीं खूद उसका मौसा क्लेरेंस ही है तब उसे हिरासत में ले लिया गया।
मौसा ने पुलिस को बताया कि अगवा करने के बाद वह फ्रांसिला को घोडबंदर रोड ले गया। वहां गला दबाकर उसकी हत्या की और शव को झाड़ियों मे फेंक दिया।
बाद में अपने घर गया और फिर फ्रांसिला की तलाश में उसके परिवार के साथ जुट गया ताकि उस पर कोई शक न करे।
पुलिस अब हत्या की वजह पता करने में जुटी है।