रांची के छात्र विनय के कत्‍ल की कहानी, जो फिल्म 'दृश्‍यम' से काफी हद तक मिलती-जुलती है...

रांची के छात्र विनय के कत्‍ल की कहानी, जो फिल्म 'दृश्‍यम' से काफी हद तक मिलती-जुलती है...

मृतक छात्र विनय कुमार महतो का फाइल फोटो...

नई दिल्‍ली/रांची:

झारखंड की राजधानी रांची में एक निजी स्कूल की छठी कक्षा के छात्र विनय कुमार महतो के कत्‍ल की वारदात साल 2015 में आई फिल्म 'दृश्‍यम' की कहानी से कुछ-कुछ मेल खाती है। बस फर्क इतना है कि असल जिंदगी की कहानी के पात्रों की सबूतों को मिटाने की कोशिश नाकाम रही और वे पुलिस के हत्‍थे चढ़ गए। पुलिस ने इसे 'ऑनर किलिंग' का केस बताया है, लिहाज़ा; अपनी झूठी शान की खातिर की गई इस हत्‍या की साजिश में कैसे आरोपी टीचर और उसका परिवार सुनियोजित तरीके से शामिल रहा, पुलिस की रिपोर्ट इसकी पूरी कहानी बयां करती है। रांची पुलिस ने इस वारदात का मीडिया को सिलसिलेवार ब्‍योरा दिया है... जानिए कैसे इस वारदात को अंजाम दिया गया और पुलिस ने कैसे परत-दर-परत इसे सुलझाया...

रांची पुलिस के अनुसार, कत्‍ल की इस वारदात में स्‍कूल की हिंदी टीचर नाजिया हुसैन का 16 वर्षीय पुत्र, खुद नाजिया, उसका पति आरिफ अंसारी और उसकी 12 वर्षीय पुत्री शामिल थे। इस हत्‍या की मुख्‍य वजह मृतक छात्र विनय का नाजिया की पुत्री (जो कि सहपाठी थे) से गहन मेल-जोल था, जिससे नाजिया का बेटा काफी गुस्‍से में था, क्‍योंकि उसके सहपाठी इस बात पर उसे चिढ़ाया करते थे।

रांची पुलिस के अनुसार, वारदात की शुरुआत 4 फरवरी की दोपहर से हुई, जब स्‍कूल के बास्‍केट बॉल ग्राउंड में नाजिया के बेटे ने विनय को रात करीब 12-1 बजे अपने घर सोया-चिली की दावत का न्‍योता दिया। आरोपी नाबालिग छात्र ने विनय से कहा कि वह रात को चुपके से उनके घर आए और किसी को इसकी कानों-कान खबर न हो। इस निमंत्रण पर विनय रात करीब एक बजे बॉयज हॉस्‍टल से टीचर नाजिया के घर गया। उसने वहां जाने के लिए प्रिंसिपल आवास वाला रास्‍ता चुना। वहां से विनय स्‍टाफ क्‍वार्टर की पहली मंजिल स्थित टीचर नाजिया के घर पहुंचा। नाजिया के पुत्र ने दरवाजा खोला, जिसके बाद विनय घर में दाखिल हुआ। उस वक्‍त नाजिया और उसकी बेटी कमरे में सो रही थीं।

टीचर का बेटा विनय को डाइनिंग टेबल पर ले गया और यहां उससे अपनी बहन के मिलने को लेकर आपत्ति जाहिर की। उसने विनय को आगाह किया कि वह आगे से उससे नहीं मिलेगा, लेकिन विनय ने उसका विरोध किया और उसकी बहन को पसंद करने की बात कही। इससे गुस्‍साए टीचर के बेटे ने विनय का मुंह दबाकर उसके पेट में घूंसे मारे। विनय ने भागने की कोशिश की, लेकिन आरोपी ने उसे गर्दन से पीछे से पकड़कर उसका सिर दीवार में मारना शुरू कर दिया। इससे विनय बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा और उसके सिर से खून बहने लगा। उसे लगा कि विनय मर गया है।

इसी बीच, टीचर नाजिया और उसकी बेटी भी वहां आ गईं और वो विनय को इस हालत में देखकर घबरा गईं। इसके बाद इन लोगों ने विनय को कोरिडोर से ले जाकर रेलिंग के पास पहुंचकर नीचे फेंक दिया। इससे विनय गंभीर रूप से घायल हो गया और उसके शरीर से तेजी से खून बहने लगा। इसी बीच इन लोगों ने रेलिंग, कॉरिडोर, फर्श और फ्लैट में कई जगहों पर लगे खून को वाईपर और कपड़े आदि से साफ कर दिया। ये लोग घबराहट में रात भर जागते रहे।

विनय को पहली मंजिल से नीचे फेंके जाने के तकरीबन 20 मिनट बाद, उसी स्‍कूल के आर्ट टीचर दुर्वानंद जाना जोकि आर्ट रूम से वार्षिकोत्‍सव संबंधित कामों को पूरा करने के बाद स्‍टाफ क्‍वार्टर स्थित अपने रूम की तरफ वापस लौटे। उन्‍होंने विनय को खून से लथपथ हालत में नीचे पड़े देखा और आसपास के लोगों को सूचित किया। इसके बाद विनय को नजदीकी गुरुनानक अस्‍पताल ले जाया गया। गंभीर हालत होने के चलते यहां से उसे रिम्‍स, रांची रेफर कर दिया गया। यहां ले जाने के दौरान विनय की मौत हो गई।

पुलिस का कहना है कि न केवल नाजिया का पुत्र, बल्कि खुद नाजिया और उसके पति को भी विनय का अपनी बेटी से मिलना-जुलना बिलकुल पसंद नहीं था। पुलिस का दावा है कि वे विनय से बदला लेने की ताक में थे। वारदात को अंजाम देने के बाद नाजिया के बेटे ने फोन कर अपने पिता को घटना के बारे में बताया। जिसके बाद पिता ने सावधानी बरतते हुए सभी सबूतों को मिटाने के लिए उनसे कहा। इसके बाद परिवार ने मिलकर साक्ष्‍यों को मिटाया। मामले की जांच के लिए अगले दिन घटनास्‍थल पर पहुंची पुलिस ने डॉग स्‍क्‍वाड टीम, सीआईडी टीम/फोरेंसिक टीम को जांच पड़ताल के लिए बुलाया। जांच टीम ने सबसे पहले आर्ट टीचर दुर्वानंद के फ्लैट की तलाशी ली।

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पुलिस ने सबूतों को इकट्ठा करने के बाद दुर्वानंद और अन्‍य तीन लोगों से पूछताछ की। जांच के दौरान पुलिस को स्‍टाफ हॉस्‍टल के कैमरे की रिकॉर्डिंग मिली। इसकी जांच करने के बाद जांच टीम को पता लगा कि वारदात को अंजाम देने के लिए पहली मंजिल का इस्‍तेमाल किया गया। इसके बाद जांच (सीआईडी/एफएसएल) टीम ने पहली मंजिल के सभी कमरों और कॉरिडोर का बारीकी से विश्‍लेषण किया, जिससे पहली मंजिल की रेलिंग, कोरिडोर और नाजिया के फ्लैट से खून के धब्‍बे मिले। इन सैंपलों को जांच के लिए एफएसएल भेजा गया। नाजिया के घर के पर्दों, वाईपर और दीवार पर मिले खून के धब्‍बों से जांच टीम के हाथ पुख्‍ता सबूत लग चुके थे। इसके बाद जांच टीम ने घर के सभी सदस्‍यों से पूछताछ की। पूछताछ में इन लोगों ने घटना में अपनी संलिप्‍तता को स्‍वीकार लिया। पुलिस के अनुसार, इस तरह इन्‍होंने इस पूरी वारदात को खुलासा किया।