यह ख़बर 09 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

हिंसा : पीएम ने की अखिलेश से बात; बीजेपी, कांग्रेसी नेता समेत 40 पर केस

खास बातें

  • मुजफ्फरनगर में हिंसा के बाद से तनाव लगातार बरकरार है। पुलिस ने 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। बीजेपी विधायक दल के नेता हुकुम सिंह पर गैर−कानूनी तरीके से पंचायत किए जाने पर मामला दर्ज किया गया है।
मुजफ्फरनगर:

मुजफ्फरनगर में हिंसा के बाद से तनाव लगातार बरकरार है। पुलिस ने 40 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। बीजेपी विधायक दल के नेता हुकुम सिंह पर गैर−कानूनी तरीके से पंचायत किए जाने पर मामला दर्ज किया गया है। हिंसा में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हैं।

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फोन पर राज्य में हिंसक घटनाओं पर बात की है। साथ ही कहा जा रहा है कि मनमोहन सिंह ने घटना और हिंसा को रोकने को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी ली तथा केंद्र का पूरा सहयोग देने की बात कही।

इसके अलावा एफआईआर में बीजेपी विधायक संगीत सोम, बीजेपी विधायक भारतेन्दु, बीजेपी विधायक सुरेश रैना, कांग्रेस नेता हरिन्दर मलिक, भारतीय किसान यूनियन के नेता नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के नाम हैं।

वहीं, भाजपा के नेता हुकुम सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और कानून की राह में कोई अड़चन पैदा नहीं करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर पंचायत में मेरे भाषण में एक भी भड़काऊ शब्द मिल जाए तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।

मुजफ्फरनगर शहर से 35 लोगों की हिरासत में लिया गया है।  मुजफ्फरनगर शहर में कल कुछ दुकानों में आग लगाए जाने की भी खबर आई। कुछ इलाकों से पथराव की खबरें भी आईं, लेकिन कोई बड़ी घटना नहीं हुई।

हालांकि मुजफ्फरनगर के देहात क्षेत्र से लगातार हिंसा की खबरें आ रही हैं। देहात क्षेत्र के पांच इलाके सिसौली, शाहपुर, फूगाना, भाउरकला और खालापुर सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। फिलहाल मुजफ्फरनगर और उसके आसपास के इलाकों में तनाव बरकरार है।

मुजफ्फरनगर के दंगों को तमाम लोग सियासी साजिश मानते हैं। उन्हें लगता है कि लोगों को हिंदू मुस्लिम में बांटकर चुनावी फायदा उठाने की नीयत से दंगे कराए गए। समाजवादी पार्टी कहती है, इसमें बीजेपी का हाथ है, बीजेपी कहती है सपा का और बीएसपी कहती है कि ये बीजेपी सपा दोनों ने मिलकर कराया है।

गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से हिंसा से ग्रस्त मुजफ्फरनगर में हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन अब काबू में हैं। यहां हुई हिंसा में मरने वालों की तादाद 30 तक पहुंच गई है। रविवार की दोपहर से कोई हिंसक घटना नहीं हुई है।

मुजफ्फरनगर में हिंसा से निपटने के लिए प्रशासन सख्ती बरत रहा है। अब तक नब्बे लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि काफी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं।

एनडीटीवी से खास बातचीत में राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तनाव ग्रस्त जिलों में अधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए खुली छूट दी है।

हिंसा के मद्देनजर एक पुलिस इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। मेरठ जोन में एडीजी भवेश कुमार सिंह को भी फिलहाल हालात संभालने के लिए बुला लिया गया है। सहारनपुर के डीआईजी डीसी मिश्रा को हटाकर अशोक मुग्धा जैन को नया डीआइजी बनाया गया है।

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मुजफ्फरनगर में अगले 48 घंटे कर्फ्यू बनाए रखा जाएगा। 12 सितंबर तक सभी स्कूल−कॉलेज बंद रखे जाएंगे। सेना और अर्द्धसैनिक बलों की टुकड़ियां आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी तैनात की गई हैं।