खास बातें
- तिहाड़ जेल प्रशासन से संसद हमले के अभियुक्त अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपने की मांग करने के अगले ही दिन दो वकीलों ने बतौर उनके वकील अपने नाम वापस ले लिए।
नई दिल्ली: तिहाड़ जेल प्रशासन से संसद हमले के अभियुक्त अफजल गुरु का शव उसके परिवार को सौंपने की मांग करने के अगले ही दिन दो वकीलों ने बतौर उनके वकील अपने नाम वापस ले लिए।
वकील एनडी पंचोली और नंदिता हस्कर ने दो पृष्ठों के एक बयान में कहा, ‘अब अनुचित विवाद खड़े हो गए हैं और हम उस चर्चा का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। हम उस मुख्य मुद्दे से भी ध्यान हटाना नहीं चाहते हैं जिन पर हमने अपना रुख बिल्कुल साफ कर दिया था।’
दोनों वकीलों ने मंगलवार को अफजल के परिवार की ओर से तिहाड़ की महानिदेशक विमला मेहरा को पत्र भेजा और उनसे उसके सामान तथा शव उसके परिवार को सौंपने की मांग की थी। उन्होंने उसके परिवार के लिए दिल्ली आने पर तिहाड़ में उसकी कब्र पर फातिहा पढ़ने देने की भी इजाजत मांगी थी।
दोनों ने अपने बयान में कहा, ‘हमें इस बात से उदास हैं कि भारतीय जनता और कश्मीरी जनता के बीच सेतु बनाने के हमारे सभी प्रयासों को भारतीय प्रशासन ने लगातार कमजोर बनाया और उसने हमारे प्रयासों को राष्ट्रविरोधी करार देकर निंदा की। उधर, कश्मीर में कुछ राजनीतिक दल एकजुटता एवं दोस्ती के इन प्रयासों को संदेह की दृष्टि से देखते हैं।’ उन्होंने अपने इस फैसले के तात्कालिक कारण नहीं बताए।