यह ख़बर 05 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

कांग्रेस नेता नारायण राणे ने इस्तीफा वापस लिया

फाइल फोटो

मुंबई:

कोंकण क्षेत्र के कद्दावर नेता नारायण राणे ने महाराष्ट्र में नेतृत्व परिवर्तन की अपनी मांग पर कांग्रेस नेतृत्व की ओर से उत्साहनजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद आज अपना इस्तीफा वापस ले लिया और कहा कि उनका फैसला सामंजस्य बिठाने के तौर पर लिया गया है।

राणे ने एक पखवाड़े पहले यह दावा करते हुए कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का वादा कांग्रेस नेतृत्व ने पूरा नहीं किया। उन्होंने दावा किया था कि मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावना धूमिल है। अब उन्होंने कहा कि वह अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे।

राणे ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव और महाराष्ट्र के प्रभारी मोहन प्रकाश तथा वरिष्ठ मंत्रियों एवं महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख माणिक राव ठाकरे से बातचीत के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस लिया। उन्होंने कहा, 'उन्होंने मुझसे कहा कि मेरा वाजिब हक मुझे दिया जाएगा और वादा को पूरा किया जाएगा।'

राणे ने कहा, 'मैं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए काम करूंगा। मैं खुद चुनाव नहीं लड़ना चाहता लेकिन पार्टी नेताओं ने मुझसे चुनाव लड़ने के लिए कहा है।' यह पूछे जाने पर कि वह चव्हाण के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं तो उन्होंने कहा कि सरकार के प्रमुख के तौर पर चव्हाण नेतृत्व करेंगे लेकिन पार्टी के स्तर पर यह सामूहिक नेतृत्व होगा।

राणे ने यह कहा कि उन्हें तीन महीने पहले पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष पद ग्रहण करने के लिए कहा गया था। एक सवाल के जवाब में राणे ने कहा कि वह महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं और मुख्यमंत्री पद की अकांक्षा बनी रहेगी।

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इससे पहले इस्तीफा देते समय उन्होंने कहा था, 'कांग्रेस ने जो वादा किया था, वह पूरा नहीं किया। मुझसे कहा गया था कि छह महीने में मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। परंतु वादे के नौ साल गुजर जाने के बावजूद इसे पूरा नहीं किया गया।'