यह ख़बर 07 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से सांप्रदायिक हिंसा बिल का विरोध करने का आग्रह किया

नरेंद्र मोदी की फाइल तस्वीर

अहमदाबाद:

प्रधानमंत्री पद के भाजपा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कुछ मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर अपील की कि वे राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठें और केंद्र के प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा विधेयक का विरोध करें। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि यह विधेयक राज्य सरकारों की 'शक्तियों में खुली घुसपैठ' है।

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में कहा है, सभी मुख्यमंत्रियों के लिए यह जरूरी है कि वे राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से ऊपर उठें और विधेयक का विरोध करने के लिए एक साथ आएं, जो कि केंद्र द्वारा निर्वाचित राज्य सरकारों की शक्तियों में हस्तक्षेप और खुली घुसपैठ के प्रयास के अलावा कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह विधेयक समाज का ध्रुवीकरण करेगा और धार्मिक तथा भाषायी पहचानों के आधार पर नागरिकों पर अलग-अलग आपराधिक कानून लागू करने के विचार को पेश करेगा। मोदी ने कहा कि इससे लोक सेवकों का मनोबल भी गिरेगा और भविष्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति से निपटने में राज्य सरकारों को प्रभावित करेगा।

मोदी ने जिन मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है, उनमें मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान, महाराष्ट्र के पृथ्वीराज चव्हाण, मणिपुर के ओकराम इबोबी सिंह और मेघालय के मुकुल संगमा तथा अन्य शामिल हैं। इस मुद्दे पर गुजरात के मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्रियों को यह पत्र लिखा गया है। मोदी ने मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में इस विधेयक को 'विनाश की रसीद' करार दिया था।

यूपीए सरकार ने संसद के चालू शीतकालीन सत्र में 'सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम (न्याय और क्षतिपूर्ति) विधेयक 2013' को पेश करने की योजना बनाई है। अपने पत्र में मोदी ने अन्य राज्यों में अपने समकक्षों से मुद्दे पर विचार करने और विधेयक का विरोध करने का आह्वान किया है।


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