यह ख़बर 19 मार्च, 2013 को प्रकाशित हुई थी

द्रमुक के बाहर होने पर राकांपा बोली : अभी कोई निष्कर्ष न निकालें

खास बातें

  • द्रमुक के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद संप्रग के ही एक अन्य घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आगाह किया कि अभी कोई निष्कर्ष न निकाला जाए। पार्टी के अनुसार एम करुणानिधि ने कहा है कि यदि संसद श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित करती
नई दिल्ली:

द्रमुक के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद संप्रग के ही एक अन्य घटक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने आगाह किया कि अभी कोई निष्कर्ष न निकाला जाए। पार्टी के अनुसार एम करुणानिधि ने कहा है कि यदि संसद श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित करती है तो वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेंगे।

राकांपा उपाध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभी कोई निष्कर्ष न निकालें। द्रमुक ने कहा है कि संसद यदि श्रीलंकाई तमिलों के बारे में प्रस्ताव पारित करती है तो समर्थन वापस के फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा।’’ शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के लोकसभा में नौ सदस्य हैं।

द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने आज संप्रग से बाहर होने का फैसला किया।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका को लेकर भारत के रूख पर नाराज करूणानिधि ने गठबंधन से अलग होने का निर्णय लिया।

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उन्होंने कहा कि यदि 21 मार्च से पहले संसद श्रीलंकाई तमिलों को लेकर प्रस्ताव पारित करती है तो द्रमुक फैसले पर पुनर्विचार के लिए तैयार है।