लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा चुनाव के नज़दीक आने के साथ ही राजनीतिक उठा-पटक शुरू हो गई है। इस कड़ी में जेडीयू, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है।
सीटों के बंटवारे से नाराज़ शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी एनसीपी ने गठबंधन से नाता तोड़ने का फ़ैसला किया है। बिहार में विधानसभा की 243 सीटें हैं, जिसमें से आरजेडी और जेडीयू ने 100-100 और कांग्रेस ने 40 सीटों पर लड़ने का फ़ैसला किया है, वहीं तीन सीटें NCP और समाजवादी पार्टी के खाते में गई हैं। इससे नाराज़ होकर एनसीपी ने गठबंधन से अलग होने का फ़ैसला किया है और चुनावों में अकेले उतरने का फ़ैसला किया है।
एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि उन्होंने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी अकेले दम पर भी बिहार चुनाव में उतर सकती है।
अनवर ने कहा, मैं जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के साथ रहना चाहता था, लेकिन चूंकि वे एनसीपी को नहीं चाहते हैं, उन्हें मेरे योगदान की जानकारी नहीं है। गठबंधन की घोषणा करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हाल ही में विधान परिषद के 24 सीटों पर चुनाव के दौरान हमारे साथ थी और हम चाहेंगे कि वह विधानसभा चुनाव में भी साथ रहे। नीतीश ने संकेत दिया कि यदि एनसीपी गठबंधन में शामिल होती है, तो उसे तीन सीटें दी जाएंगी। (इनपुट भाषा से भी)