खबर का असर : श्रीलंका में फंसे भारतीय मजदूरों को कंपनी ने पासपोर्ट वापस देने की बात कही

श्रीलंका में भारतीय मजदूर

मुंबई:

श्रीलंका की भुवलका स्टील कंपनी भारतीय मजदूरों के पासपोर्ट देने को तैयार हो गई है। कंपनी के एमडी सुशील भुवलका ने एनडीटीवी इंडिया को फोन कर बताया कि करार के मुताबिक अगर कोई मजदूर छह महीने की नोटिस दिए बिना ही छोड़कर जाता है तो उसे सिर्फ पासपोर्ट वापस दिया जाएगा। वो हम देने को तैयार हैं। लेकिन, वेतन और बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी क्योंकि उनके काम बंद करने से और अचानक छोड़कर जाने से कंपनी का भी नुकसान हो रहा है।

वहीं, दूसरी तरफ आजाद आलम नाम के मजदूर ने एनडीटीवी इंडिया को फोन पर बताया कि सबह 10 बजे भारतीय उच्चायुक्त के दो अफसर आए थे। लेकिन, हमने उनसे मांग की है कि हमारा दो महीने का बकाया वेतन भी दिलाया जाए और देश वापस भेजा जाए।

दरअसल, जिस भुवलका स्टील कंपनी में ये मजदूर काम करते हैं, वो बेंगलुरु के हैं। जून 2014 में वहां काम करने गए 77 मजदूरों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं।

स्टील मेंल्टिंग सोप (एसएमएस) में काम करने गए उन मजदूरों ने आरोप लगाया है कि कंपनी उनसे 140 टन प्रोडक्शन करने के लिए दबाव बनाती है। उतना प्रोडक्शन नहीं कर पाने पर कंपनी ने दो महीने से उनका वेतन रोक रखा है और खाने का पैसा भी नहीं दे रही है।

हालांकि कपंनी के एमडी का दावा है कि इस महीने की दो तारीख को मजदूरों को खाने के पैसे दे दिए गए हैं और नवंबर का वेतन इसलिए रोक दिया गया है क्योंकि उन्होनें काम में कोताही कर सिर्फ 70 फिसदी ही प्रोडक्शन किया। दिसंबर से तो फैक्टरी में काम ही बंद है।

कंपनी के मुताबिक एग्रीमेंट के अनुसार काम छोड़ने के लिए छह महीने का नोटिस देना होता है, ताकि उनकी जगह पर दूसरे मजदूरों की व्यवस्था की जा सके।

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इस बीच एनडीटीवी पर खबर चलने के बाद विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त से बात कर कहा है कि वह मजदूरों को जल्द से जल्द भारत भेजने का इंतजाम करें।