न्यूनतम वेतन में की गई बढ़ोतरी को श्रमिक संगठनों ने ठुकराया, शुक्रवार को हड़ताल करने पर अड़े

न्यूनतम वेतन में की गई बढ़ोतरी को श्रमिक संगठनों ने ठुकराया, शुक्रवार को हड़ताल करने पर अड़े

वित्त मंत्री अरुण जेटली

खास बातें

  • सरकार ने न्यूनतम वेतन 350 रुपये किया
  • न्यूनतम वेतन 18 हजार मासिक हो : श्रमिक संगठन
  • हड़ताल में 15 करोड़ से ज्यादा मजदूर भाग लेंगे : सीटू
नई दिल्ली:

हड़ताल की अपील करने वाले श्रमिक संगठनों को गैर-खेतिहर मजदूरों के लिए 350 रुपये न्यूनतम मज़दूरी मंज़ूर नहीं है. उन्होंने इस सिलसिले में सरकारी प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. सीटू की मांग है कि कम से कम 18,000 रुपये न्यूनतम मासिक वेतन तय हो.

दिल्ली में सीटू के दफ्तर में रखे पोस्टर बताते हैं कि 2 सितंबर की हड़ताल की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर बाकी 10 बड़े मजदूर संगठन सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल पर जा रहे हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हड़ताल से ठीक पहले गैर-खेतिहर मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 350 रुपये करने का ऐलान करके नरमी दिखाने की कोशिश की. जेटली ने कहा, 'सरकार ने C कैटेगरी इलाकों में गैर-खेतिहर मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 350 रुपये करने का फैसला किया है.'

सोमवार को प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय और बिजली मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक इमरजेंसी मीटिंग की थी, ताकि हड़ताल की अपील के मद्देनजर रणनीति बनाई जा सके. लेकिन लेफ्ट से जुड़े ट्रेड यूनियनों ने सरकार का प्रस्ताव ठुकराते हुए हड़ताल जारी रखने की बात कही है. सीटू के महासचिव तपन सेन ने एनडीटीवी से कहा, 'हमारी मांग है कि न्यून्तम मज़दूरी 18,000 की जाए. कम से कम महंगाई के इस दौर में जीविका चलाने लायक मजदूरी तो मिलनी ही चाहिए.'

उन्होंने कहा कि मिनिमम वेज बढ़ाने के साथ-साथ मजदूर संगठन ये भी चाहते हैं कि सरकार श्रम कानूनों में बदलाव के प्रस्ताव को वापस ले. अगर उन्हें लागू किया जाता है तो विशेषकर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा की सुविधा नहीं मिल पाएगी. मज़दूर संगठन ये भी चाहते हैं कि रक्षा, रेलवे, बैंकिंग, इंश्योरेंस में एफडीआई को मंजूरी देने का फैसला वापस लिया जाए.

भारतीय मजदूर संगठन अब तक हड़ताल पर जाने के फैसले पर दूसरे संगठनों के साथ खड़ा नहीं दिख रहा है, लेकिन तपन सेन दावा करते हैं कि 2 सितंबर की हड़ताल में 15 करोड़ से ज्यादा मजदूर भाग लेंगे.


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