यह ख़बर 23 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

लेखकों ने की 'सैटेनिक वर्सेज' से बैन हटाने की मांग

खास बातें

  • जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा ले रहे लेखकों ने सलमान रुश्दी की विवादित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' पर से प्रतिबंध खत्म करने की मांग की है।
जयपुर:

जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में लेखक सलमान रुश्दी को लेकर उठे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। यहां हिस्सा ले रहे लेखकों ने रुश्दी की विवादित किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' पर से प्रतिबंध खत्म करने की मांग की है।

इन लेखकों ने अपनी अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थन में ये मांग उठाई है। इनका कहना है कि भारत में 23 साल से प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन अब हालात बदल गए हैं, ऐसे में सरकार को प्रतिबंध हटाने के बारे में फिर से सोचना चाहिए। इस किताब में लिखी रुश्दी की बातों से मुस्लिम समाज खफा है। लेखकों का कहना है कि इस किताब ने कहीं भी हिंसा को नहीं भड़काया, लेकिन राजनीतिक हित साधने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा है। इस विवाद के चलते ही सलमान रुश्दी के भारत आने पर भी पानी फिर गया।

सलमान रुश्दी के भारत दौरा रद्द करने के बाद जयपुर साहित्य सम्मेलन में प्रतिबंधित किताब 'द सैटनिक वर्सेज' के अंश पढ़ने वाले लेखकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायत जयपुर के अशोक नगर थाने में दर्ज में कराई गई है, जिसमें अमिताव कुमार, हरि कुंजरु, रुचिर जोशी और जीत तायल पर आरोप लगाया गया है कि चारों ने जान बूझकर प्रतिबंधित किताब के अंश पढ़े, जो एक अपराध है। पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद ये चारों लेखक साहित्य सम्मेलन छोड़कर चले गए हैं।

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जयपुर साहित्य सम्मेलन में सलमान रुश्दी की विवादित किताब 'सैटेनिक वर्सेज' के अंश पढ़ने पर लेखक हरि कुंजरु ने अपना पक्ष साफ किया। कुंजरु के मुताबिक उनका मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और वह सिर्फ सलमान रुश्दी के विचार लोगों तक पहुंचाना चाहते थे। सम्मेलन में कुंजरु के रुश्दी की किताब को कोट करने से विवाद खड़ा हो गया है। कुंजरु ने साफ किया कि पहले भी रुश्दी लगातार भारत आते रहे हैं और अपनी बात लोगों के सामने रखते रहे हैं, ऐसे में उनकी किताब के कुछ अंश पढ़ने पर किसी तरह के विवाद की जरूरत नहीं है।