खास बातें
- संसद में डीएमके सांसदों द्वारा पीएम से श्रीलंका में मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग पर पीएम ने डीएमके प्रमुख को पत्र लिखा है।
नई दिल्ली: संसद में मंगलवार को तमिलनाडु के सांसदों ने लिट्टे के खिलाफ 'युद्ध' के दौरान श्रीलंका में हुए कथित मानवाधिकार हनन के मामलों पर सरकार से उसका रुख स्पष्ट करने की मांग की। इसके बाद पीएम ने डीएमके प्रमुख को एक पत्र लिखा है, लेकिन करुणानिधि के उससे संतुष्ट होने के आसार कम दिखाई दे रहे हैं।
इससे पहले राज्यसभा में मंगलवार को श्रीलंका में 'युद्ध अपराधों' को लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर तक स्थगित कर दी गई थी।
विपक्षी दल आतंकवादी संगठन 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' (एलटीटीई) के सरगना वी. प्रभाकरन के 12 साल के बेटे के शव पर गोलियों के निशान वाली तस्वीर सामने आने के बाद श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ अत्याचार पर सरकार का पक्ष जानना चाहते थे।
पूर्वाह्न् 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने यह मुद्दा उठाया। वे सभापति हामिद अंसारी के समक्ष अपनी मांग को लेकर नारेबारी करने लगे।
विपक्षी सदस्य जानना चाहते थे कि श्रीलंका में कथित युद्ध अपराधों को लेकर अमेरिका समर्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रस्ताव पर सरकार का रुख क्या है? हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।