यह ख़बर 14 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

दबाव में डिनर : पीएम, प्रणब दिखे चिंतित

खास बातें

  • यूपीए के डिनर में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सहयोगी दलों को आगाह किया कि वे संशोधन लाने की मांग न करें क्योंकि विपक्ष इसका फायदा उठाकर वोटिंग की मांग कर सकता है।
नई दिल्ली:

विधानसभा चुनाव के नतीजों का दबाव सरकार पर हर तरफ नज़र आ रहा है। यूपीए के डिनर में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सहयोगी दलों को आगाह किया कि वे संशोधन लाने की मांग न करें क्योंकि विपक्ष इसका फायदा उठाकर वोटिंग की मांग कर सकता है। इससे सरकार मुश्किल में पड़ सकती है।

परेशानियों का आलम यह है कि प्रधानमंत्री के डिनर में तृणमूल का कोई वरिष्ठ नेता या मंत्री नहीं पहुंचा।

आम तौर पर पीएम यूपीए नेताओं की बैठक किसी भी सत्र के अंत में बुलाते हैं लेकिन इस बार यह बैठक सत्र की शुरुआत में ही बुलाई गई। ज़ाहिर है बदलते राजनीतिक हालात में पीएम के लिए यूपीए को एकजुट रखना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इधर, बीजेपी ने सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। बीजेपी तीन मुद्दों पर वोटिंग कराना चाहती है। ये हैं... एनसीटीसी के मुद्दे पर राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट और लोकपाल के मुद्दे पर कटौती प्रस्ताव। बीजेपी ने एनसीटीसी के मुद्दे पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संशोधन प्रस्ताव भी दिया है। इस मुद्दे पर यूपीए के कई घटक दलों की राय भी अलग−अलग है। इसके अलावा अरुण जेटली और सीताराम येचुरी भी लोकपाल बिल के मुद्दे पर राज्यसभा में बहस शुरू करने की मांग करेंगे।