यह ख़बर 28 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सेना प्रमुख को घूस : 30 मार्च के बाद FIR दर्ज करेगी CBI

खास बातें

  • सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सेना प्रमुख को घूस देने के मामले में एफआईआर अब 30 मार्च के बाद ही दायर की जा सकेगी।
नई दिल्ली:

आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह को 14 करोड़ रिश्वत की पेशकश के मामले में सीबीआई की टीम ने उनसे मुलाकात की। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले में एफआईआर अब 30 मार्च के बाद ही दायर की जा सकेगी। जनरल वीके सिंह ने सीबीआई से कहा है कि वह कुछ दिन के लिए दिल्ली से बाहर जा रहे हैं और तीस मार्च को अपना बयान देंगे।

गौरतलब है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने घूस की कथित पेशकश के मामले में एक ऑडियो टेप प्राप्त किया जिसमें सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह और एक अन्य व्यक्ति के बीच कथित बातचीत है। सीबीआई को रक्षा मंत्रालय की ओर से मामले की जांच करने को कहा गया है।

सीबीआई के सूत्रों ने इसका खुलासा करने से इनकार कर दिया कि यह टेप उनके पास कैसे पहुंचा जिसके बारे में यह दावा किया जा रहा है कि वह उस मुलाकात का है जिसमें कथित रिश्वत की पेशकश की गई थी। हालांकि इस टेप की सच्चाई और प्रमाणिकता अभी साबित होनी बाकी है।

इन टेपों में कथित रूप से जनरल सिंह और अन्य अधिकारी के बीच बातचीत है तथा इसमें जनरल सिंह चिल्ला रहे हैं। हालांकि सूत्रों ने कहा कि टेपों में आवाजें अभी प्रमाणित नहीं हुई हैं इसलिए उनकी सच्चाई के बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने रक्षा मंत्रालय से अन्य विस्तृत जानकारियां जैसे गवाहों की सूची और अन्य दस्तावेजों के साथ ही जनरन सिंह की ओर से शिकायत उपलब्ध कराने को कहा है ताकि वह इस मामले में अपनी जांच शुरू कर सके।

उधर, रक्षा मंत्री के बयान को सेना प्रमुख वीके सिंह से चुनौती मिलनी शुरू हो गई है। एनडीटीवी इंडिया को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्यसभा में मंगलवार को रक्षा मंत्री ने जो बयान दिया था उस पर सेना प्रमुख के नजदीकी लोग जल्द ही चुनौती देने वाले हैं।

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मंगलवार को रक्षा मंत्री ने राज्यसभा में कहा था सितंबर 2010 में जब आर्मी चीफ मेरे पास यह शिकायत लेकर आए थे कि ले.जनरल तेजिंदर सिंह ने उन्हें घूस की पेशकश की है तो मैंने उन्हें लिखित में शिकायत करने और कार्रवाई करने को कहा था लेकिन उन्होंने कहा था कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। लेकिन आर्मी चीफ के सूत्रों ने एनडीटीवी इंडिया को बताया कि जनरल वीके सिंह ने तेजिंदर के खिलाफ जो भी संभव कार्रवाई करनी थी वह की और उन्हें एनटीआरओ का चीफ नहीं बनने दिया। आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने BMEL के साथ सौदे को भी मंजूरी नहीं दी।