यह ख़बर 06 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

विदेश दौरों पर हुई है ‘गलतफहमी’ : राष्ट्रपति

खास बातें

  • राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अपने विदेशी दौरों को लेकर हुई आलोचना पर कहा कि इस बारे में ‘गलत धारणा ’ है और वह चाहती हैं कि लोग सच्चाई जानें।
नई दिल्ली:

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अपने विदेशी दौरों को लेकर हुई आलोचना पर कहा कि इस बारे में ‘गलत धारणा ’ है और वह चाहती हैं कि लोग सच्चाई जानें।

राष्ट्रपति ने एनडीटीवी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘राष्ट्रपति के दौरों के बारे में अभी गलत धारणा बनी हुई है। राष्ट्रपति अपनी इच्छा से दौरों पर नहीं जाते हैं। सरकार यह सुझाव देती है कि राष्ट्रपति को किन जगहों पर जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि देश की जनता को राष्ट्रपति पद का सम्मान करना चाहिए और सवाल उठाने से पहले सच्चाई जान लेनी चाहिए।

प्रतिभा ने कहा, ‘राष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद है। सभी नागरिकों का यह कर्तव्य है कि वे इस राष्ट्रपति के संस्थान का सम्मान करें।’

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विदेशी दौरों में अपने साथ रिश्तेदारों और मेहमानों को ले जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘यह अंतरराष्ट्रीय प्रथा है और पहले भी राष्ट्रपति के साथ रिश्तेदार और मेहमान जा चुके हैं। इसलिए ऐसा नहीं है कि मैंने कोई नया उदाहरण पेश किया है।’