यह ख़बर 26 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

टीम अन्ना ने मनमोहन, चिदम्बरम व प्रणब को कहा 'भ्रष्ट'

खास बातें

  • टीम अन्ना ने शनिवार को एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके 15 कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में लिप्त रहे हैं।
नई दिल्ली:

टीम अन्ना ने शनिवार को एक बार फिर कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके 15 कैबिनेट मंत्री भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में लिप्त रहे हैं।

टीम अन्ना ने 79 पृष्ठों का एक दस्तावेज तैयार किया है, जिसमें मनमोहन सिंह के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और विदेश मंत्री एसएम कृष्णा को भी भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में संलिप्त बताया गया है।

जाने-माने अधिवक्ता एवं टीम अन्ना के प्रमुख सदस्य प्रशांत भूषण ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हमने यह दस्तावेज प्रधानमंत्री को भेज दिया है और उनसे मांग की है कि उनके सहित 15 कैबिनेट मंत्रियों पर जो आरोप लगे हैं, उनकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।"

टीम अन्ना ने हाल ही में उजागर हुए कोयला घोटाले में मनमोहन सिंह की भूमिका पर सवाल उठाया। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की एक रिपोर्ट के अनुसार नीलामी के बगैर कोयला ब्लॉकों के लिए खनन के अधिकार का आवंटन कर कुछ चुनिंदा निजी फर्मों को भारी लाभ पहुंचाया गया।

यह आवंटन नवम्बर 2006 से मई 2009 के बीच हुआ और उस दौरान कोयला मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री के जिम्मे था।

टीम अन्ना की ओर से जारी दस्तावेज में कहा गया है, "प्रधानमंत्री की नजर के सामने कोयला आवंटन में भारी घोटाला कर निजी फर्मो को मुनाफा कमाने की अनुमति दी गई, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ, जैसा कि सीएजी की रिपोर्ट कहती है।"

टीम अन्ना ने कहा कि पी. चिदम्बरम जिस दौरान वित्त मंत्री थे, उस दौरान उनके ही मंत्रालय के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि स्पेक्ट्रम का आवंटन बाजार दर पर नीलामी के जरिए होनी चाहिए, लेकिन उन्होंने उनकी बात मानने के बजाय 2जी घोटाला करने की अनुमति दे दी।

भूषण ने यह भी कहा कि प्रणब मुखर्जी जिन दिनों रक्षा मंत्री थे, उस दौरान उन्होंने स्कोरपेन युद्धपोत सौदे की जांच का आदेश नहीं दिया, जबकि मीडिया ने इस मुद्दे को विस्तार से उजागर किया था। वह सौदा भारत और फ्रांस के बीच हुआ था।

टीम अन्ना के एक अन्य सदस्य अरविंद केजरीवाल ने कहा, "हम मांग करते हैं कि इन सभी मामलों की स्वतंत्र जांच कराई जाए, अन्यथा 25 जुलाई से हम आंदोलन करेंगे और उसी में लोग फैसला लेंगे कि आगे क्या किया जाए।"

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टीम अन्ना ने जिन अन्य कैबिनेट मंत्रियों का कच्चा चिट्ठा खोला है, उनमें केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार, ग्रामीण विकास मंत्री कमल नाथ, भारी उद्योग मंत्री प्रफुल्ल पटेल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री वीरभद्र सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, जहाजरानी मंत्री जीके वासन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला, रसायन एवं उर्वरक मंत्री एमके अलागरि तथा ऊर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे शामिल हैं।