यह ख़बर 31 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आडवाणी की आलोचना के शिकार गडकरी ने की केन्द्रीय पदाधिकारियों से बैठक

खास बातें

  • भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण की ओर से नितिन गडकरी पर अप्रत्याशित हमला किए जाने के दिन भाजपा के अध्यक्ष ने गुरुवार को पार्टी के केन्द्रीय पदाधिकारियों की बैठक की।
नई दिल्ली:

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण की ओर से नितिन गडकरी पर अप्रत्याशित हमला किए जाने के दिन भाजपा के अध्यक्ष ने गुरुवार को पार्टी के केन्द्रीय पदाधिकारियों की बैठक की।

गडकरी के निवास पर हुई इस बैठक में आडवाणी उपस्थित नहीं थे। बैठक में सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, पार्टी के सभी महासचिव और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसमें पेट्रोल के बढ़े दामों के खिलाफ आयोजित बंद का जायज़ा लेने के साथ संप्रग सरकार को घेरने के लिए आगामी आंदोलनों पर चर्चा की गई।

आडवाणी ने हालांकि आज लिखे अपने ब्लाग में गडकरी का सीधा नाम नहीं लिया। लेकिन उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायातवी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री पद से हटाए गए बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा में लिए जाने की उन्होंने कड़ी आलोचना की।

पार्टी सूत्रों ने हालांकि माना कि बंद के दिन गडकरी को आड़े हाथ लेने वाला आडवाणी का ब्लाग भाजपा के लिए किरकिरी का सबब बना है। आडवाणी की आलोचनाओं के बीच गडकरी द्वारा शाम को बुलाई गई इस बैठक में बंद का जायज़ा लिए जाने के अलावा संप्रग सरकार को घेरने के लिए सात जून से शुरू होने वाले जन संघर्ष अभियान नामक एक अन्य देश व्यापी आंदोलन के बारे में चर्चा हुई।

संप्रग सरकार को तीन मुद्दों --भाजपा और राजग शासित राज्य सरकारों से कथित भेदभाव, बढती मंहगाई और पेट्रोल के बढ़े दामों को वापस लेने पर घेरने की रणनीति बनाई गई है।

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आडवाणी ने उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान कुशवाहा को पार्टी में शामिल करने के गडकरी के फैसले की आलोचना करते हुए अपने ब्लाग में लिखा है कि इन दिनों पार्टी के भीतर मूड उत्साहवर्धक नहीं है। ‘‘उत्तर प्रदेश विधानसभा के परिणाम, भ्रष्टाचार के आरोप में मायावतीजी द्वारा निकाले गए मंत्रियों का भाजपा में स्वागत किया जाना, झारखंड और कर्नाटक के मामलों से निपटने के तरीके.. इन सब घटनाओं ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध पार्टी के अभियान को कुंद किया है।