यह ख़बर 14 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

अंसारी का दूसरी बार उपराष्ट्रपति बनना लगभग तय

खास बातें

  • किस्मत साथ नहीं होने के कारण हामिद अंसारी राष्ट्रपति भवन नहीं पहुंच सके हों लेकिन पिछले 50 वर्षो में लगातार दूसरी बार उपराष्ट्रपति बनने का रिकार्ड बनाने वाले दूसरे व्यक्ति बनकर वह जल्द ही इतिहास रचनें वाले हैं।
नई दिल्ली:

किस्मत साथ नहीं होने के कारण हामिद अंसारी राष्ट्रपति भवन नहीं पहुंच सके हों लेकिन पिछले 50 वर्ष में लगातार दूसरी बार उपराष्ट्रपति बनने का रिकार्ड बनाने वाले दूसरे व्यक्ति बनकर वह जल्द ही इतिहास रचने वाले हैं।

75 वर्षीय अंसारी ने अपने करियर की शुरूआत भारतीय विदेश सेवा के एक नौकरशाह के रूप में 1961 में शुरू की थी और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी काम किया।

अगर वह दोबारा उपराष्ट्रपति बनने में सफल रहते हैं तब वह जाने माने दार्शनिक एवं राजनेता एस राधाकृष्णन के बाद इस पद के लिए लगातार दूसरी बार चुने जाने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे। राधाकृष्णप 1952 और 1962 के बीच उपराष्ट्रपति रहे।

साल 2007 में अंसारी आश्चर्यजनक रूप से तब उपराष्ट्रपति चुने गए जब संप्रग एक सरकार को बाहर से समर्थन दे रही वाममोर्चा ने उनके नाम का प्रस्ताव किया और कांग्रेस नीति गठबंधन ने उसे स्वीकार कर लिया।

अंसारी ने 2007 में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में 788 सदस्यीय निर्वाचन मंडल में 455 मत प्राप्त कर भाजपा की उम्मीदवार नजमा हेपतुल्ला को पराजित किया। यूएनपीए के उम्मीदवार राशिद मसूद तीसरे स्थान पर रहे।

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अंसारी का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार में भी अग्रणी था और वह इस शीर्ष संवैधानिक पद के लिए संप्रग की दूसरी पसंद थे। लेकिन अंतत: प्रणव मुखर्जी संप्रग के उम्मीदवार चुने गए।