यह ख़बर 21 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

कभी चुनाव नहीं लड़ूंगा, यह मेरी 'भीष्म प्रतिज्ञा' है : रामदेव

खास बातें

  • जब रामदेव से पूछा गया कि क्या वह 'चाणक्य' की भूमिका निभाकर किसी 'चंद्रगुप्त' को चुनावी मैदान में उतारने जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा, अगर मैं इस बारे में फिलहाल कुछ कहूंगा, तो नया बखेड़ा खड़ा हो जाएगा।
इंदौर:

योग गुरु बाबा रामदेव ने सक्रिय राजनीति में खुद के आने के तमाम कयासों पर विराम लगाते हुए कहा है कि उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ने की 'भीष्म प्रतिज्ञा' ले रखी है। उन्होंने इंदौर प्रेस क्लब में कहा, यह मेरी भीष्म प्रतिज्ञा है कि मैं कभी चुनाव नहीं लडूंगा। लेकिन मैं एक संन्यासी का धर्म निभाते हुए व्यवस्था की बुराइयों के खिलाफ विद्रोह जारी रखूंगा।

बहरहाल, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राजनीति में 'चाणक्य' की भूमिका निभाकर अपने किसी 'चंद्रगुप्त' को चुनावी मैदान में उतारने जा रहे हैं, तो उन्होंने पत्ते खोलने से इनकार करते हुए कहा, अगर मैं इस बारे में फिलहाल कुछ कहूंगा, तो नया बखेड़ा खड़ा हो जाएगा।

कांग्रेस में पार्टी महासचिव राहुल गांधी की भावी एवं बड़ी भूमिका पर उन्हें शुभकामनाएं देते हुए योग गुरु ने कहा, मेरी इस युवराज से विनम्र प्रार्थना है कि वह मजबूत लोकपाल कानून बनवाने, विदेशी बैंकों में जमा करोड़ों रुपये का काला धन देश में वापस लाने और और भ्रष्टाचार मिटाने में बड़ी भूमिका निभाएं। इससे उनका कद सचमुच बड़ा हो जाएगा।

रामदेव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को न तो कोई शाप दिया है, न ही उनके खिलाफ कोई ओछी टिप्पणी की है। उन्होंने हालांकि कहा, पिछले एक साल के दौरान उन्होंने (दिग्विजय ने) मुझ पर लगातार व्यक्तिगत हमले करते हुए मुझे ठग और महाठग कहा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि मुझे पत्थर से बांधकर समुद्र में फेंक देना चाहिए। लेकिन मैं चुप रहा।

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रामदेव ने कहा, उन्हें (दिग्विजय को) व्यक्तिगत और राजनीतिक तौर पर लगातार नुकसान झेलने पड़ रहे हैं। ऐसे में उन्हें अपने कृत्यों से बाज आना चाहिए। इससे उनका भला होगा। रामदेव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने आकाओं के निर्देश पर भोपाल में शुक्रवार को उनके काफिले पर पथराव किया। उन्होंने कहा, अगर मैं इस पथराव के वक्त बुलेटप्रूफ गाड़ी में सवार नहीं होता, तो किसी बड़ी घटना का शिकार हो सकता था।