यह ख़बर 24 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

असम हिंसा में 32 की मौत, 1500 और जवानों को भेजा गया

खास बातें

  • पश्चिमी असम के इस जिले में हिंसा का दौर जारी है तथा पुलिस फायरिंग एवं आपसी संघर्ष में में 11 और लोगों की मौत हो गयी जबकि केन्द्र ने जातीय संघर्ष को रोकने के लिए अर्धसैनिक बल के 1500 और जवानों को रवाना किया है।
गुवाहाटी:

पश्चिमी असम के इस जिले में हिंसा का दौर जारी है तथा पुलिस फायरिंग एवं आपसी संघर्ष में में 11 और लोगों की मौत हो गयी जबकि केन्द्र ने जातीय संघर्ष को रोकने के लिए अर्धसैनिक बल के 1500 और जवानों को रवाना किया है। अभी तक हिंसा में 32 लोगों की जान जा चुकी है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को दिन में मुख्यमंत्री तरूण गोगोई को निर्देश दिया कि हिंसा पर नियंत्रण के लिए हर संभव प्रयास किये जायें।

कोकराझार, चिरांग और धुबरी जिलों से हिंसा एवं आगजनी की छिटपुट घटनाओं की खबरें हैं, जबकि बीटैड के अंतर्गत आने वाले पड़ोस के बोगाईगांव और उदलगुड़ी जिलों में स्थिति तनावपूर्ण है। कोकराझार में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू जारी है और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही सेना को भी तैनात किया गया। चिरांग में भी रात्रि का कफ्र्यू लगाया गया है।

बोडोलैंड टेरिटोरियल एरियाज डिस्ट्रिक्ट (बीटैड) के पुलिस महानिरीक्षक एसएन सिंह ने बताया, ‘‘कोकराझार के रामपुर और चापरकाटा क्षेत्रों में हिंसा में शामिल चार लोग आज सुबह पुलिस की गोलीबारी में मारे गए।’’ कोकराझार और चिरांग जिले से सात और शवों को बरामद किया गया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को निर्देश दिया कि वह हिंसा पर काबू पाने के लिए हरसंभव कदम उठाएं। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और केन्द्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी गोगोई से बातचीत की। दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से बात की और स्थिति का जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने उन्हें स्थिति पर नियंत्रण और राहत एवं पुनर्वास के लिए हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया है।’’ राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि गोगोई ने प्रभावित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त बल की मांग की है।

केन्द्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने 29 कंपनियों को रवाना किया है। 14 कंपनियों को कल भेजा गया। 15 और कंपनियों को आज भेजा गया।’’ पुलिस महानिदेशक जयंत नारायण चौधरी ने मंगलवार को स्थिति का जायजा लिया।

शरारती तत्वों ने कोकराझार जिले के गोसाईगांव में गुवाहाटी जा रही राजधानी एक्सप्रेस पर हमला किया और चार डिब्बों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसमें किसी के घायल होने की कोई खबर नहीं है। ट्रेन को वापस लाया गया और पश्चिम बंगाल से लगते कामाख्यागुड़ी स्टेशन पर रोका गया। अधिकारी इसे कूच बिहार ले जाने पर विचार कर रहे हैं।

गोगोई ने बताया, ‘‘केन्द्र ने इस मामले पर गौर किया है और वह निरंतर मेरे साथ संपर्क में है।’’ स्थिति को अस्थिर और तनावपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि 40 हजार से अधिक लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन कर गये हैं। बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल के प्रमुख एच मोहिलारी ने प्रभावित जिलों के पास अंतरराष्ट्रीय एवं अंतरराज्यीय सीमाओं को सील करने की मांग की है।

ट्रेन सेवा बाधित होने से 20 हजार से अधिक यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे हैं। रेल मंत्री मुकुल राय ने चिदंबरम और गोगोई का ध्यान तनावपूर्ण स्थिति की ओर दिलाया और अनुरोध किया है कि राज्य में ट्रेनों के सुरक्षित एवं सुगम संचालन के लिए सहायता मुहैया करायी जाये।

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क्षेत्र में अशांति के कारण अभी तक 26 ट्रेनों को रद्द किया गया है। इसके अलावा 37 ट्रेनों का विभिन्न स्टेशनों पर मार्ग बदला गया जिसके कारण उनके चलने में विलंब हो रहा है। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से पुलिस अधीक्षक सौगत सेन के हवाले से मिली खबर में कहा गया है कि जातीय हिंसा के बाद असम से कल तक महिलाओं एवं बच्चों सहित 275 लोग अलीपुरद्वार आ गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अलीपुरद्वार के जरिए असम और पश्चिम बंगाल के बीच बस सेवा को पूरी तरह स्थगित कर दिया गया है।