यह ख़बर 25 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

टीम अन्ना अनशन पर : केजरीवाल ने कहा, इस बार खाली हाथ नहीं उठेंगे

खास बातें

  • अनशन स्थल पर अन्ना और उनके सहयोगियों के आने पर कुछ लोगों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी, जिनके बारे में दावा किया गया है कि वे कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता थे।
नई दिल्ली:

जन लोकपाल विधेयक और केंद्रीय मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के आरोपों की स्वतंत्र निकाय से जांच कराने की मांग के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी स्थित जंतर-मंतर पर टीम अन्ना का अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हो गया।

अनशन स्थल पर अन्ना और उनके सहयोगियों के आने पर कुछ लोगों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी, जिनके बारे में दावा किया गया है कि वे कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता थे। हालांकि अन्ना और उनके सहयोगियों ने सभी लोगों से शांति बनाए रखने और संघर्ष नहीं करने की अपील की।

इसके बाद हंगामा कर रहे लोगों को अनशन स्थल से बाहर कर दिया गया। टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास का आरोप है कि अनशन स्थल पर हंगामा करने वाले कांग्रेस की छात्र ईकाई एनएसयूआई के सदस्य थे, जो अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। टीम अन्ना ने हंगामे की योजना से संबंधित एक कथित ऑडियो भी प्रसारित किया।

मंच पर गांधी जी की तस्वीर लगाई गई है। इसके साथ ही टीम अन्ना ने जिन केंद्रीय नेताओं के खिलाफ स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है, उनकी तस्वीरें भी टांग दी गई हैं, जिसमें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति एवं पूर्व वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गृहमंत्री पी चिदंबरम सहित कई अन्य लोग शामिल हैं। हालांकि, कुछ देर बाद प्रणब के चित्र को कपड़े से ढक दिया गया।

इस विषय पर टीम अन्ना के एक वरिष्ठ सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रणब मुखर्जी अब राष्ट्रपति पद की शपथ ले चुके हैं, जो शीर्ष संवैधानिक पद है। हम संविधान का सम्मान करते हैं, इस नाते प्रणब के चित्र को कपड़े से ढक रहे हैं, ताकि इस पद की गरिमा कम न हो। केजरीवाल ने कहा कि प्रणब के खिलाफ आरोप हालांकि बने हुए हैं और हम इसका उल्लेख करना जारी रखेंगे। अनशन शुरू करने से पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस बार उनका अनशन बिना समाधान के खत्म नहीं होगा और वह खाली हाथ नहीं उठेंगे।

टीम अन्ना के एक अन्य सदस्य गोपाल राय ने कहा कि अन्ना के पास न कोई धन है और कोई तिजोरी है। जब देश को लूटा जा रहा था और शीर्ष पदों पर बैठे लोग लूट को बढ़ावा देने में लगे हुए थे, तब देश के इस सपूत ने इसका विरोध करने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि अन्ना और उनके सहयोगियों के पास कुछ भी नहीं है, लेकिन देश के प्रति मोहब्बत है। इसी पूंजी की बदौलत हम संघर्ष कर रहे हैं। हम जन लोकपाल की मांग कर रहे हैं, ताकि सभी स्तरों से भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके। इसके साथ ही हम केंद्रीय नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की भी मांग कर रहे हैं।

बहरहाल, जन लोकपाल विधेयक की मांग को लेकर टीम अन्ना के सदस्यों की ओर से राष्ट्रीय राजधानी स्थित जंतर-मंतर पर आयोजित अनशन स्थल पर छोटे-छोटे समूहों में लोगों का जुटना लगातार जारी है। अनशन स्थल पर सुरक्षा समेत तमाम चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। आंदोलन से जुड़े लोग देशभक्ति से जुड़े गीत गा रहे हैं।

गर्मी और उमस के बावजूद महिलाओं और युवाओं की उपस्थिति देखी जा रही है। उनके अलावा वहां स्कूली छात्र-छात्राएं और अन्य बच्चे भी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोगों का आना जारी है। मुख्य मंच के इर्द-गिर्द विभिन्न काउंटर बनाए गए हैं। अन्ना और जनलोकपाल से संबंधित किताबें और सीडी बिक्री के लिए लगाई गई हैं। अनशन स्थल पर आने वाले लोगों की सुविधा के लिए एक बड़ा सा एलईडी स्क्रीन लगाया गया है, जिस पर मुख्य मंच पर चल रहे कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है। मुख्य मंच के ठीक सामने प्रसारण की व्यवस्था की गई है। इस बार भी तिरंगा और 'मैं अन्ना हूं' टोपी का जलवा दिख रहा है।

इससे पहले, अनिश्चितकालीन अनशन को लेकर अन्ना हजारे और उनके साथियों ने दो बातें कहीं हैं। जहां हजारे ने लोकपाल विधेयक के लिए आंदोलन की बात कही, वहीं उनके सहयोगियों का जोर केवल तीन मांगों पर रहा, जिनमें खासतौर पर 15 केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ आरोपों में स्वतंत्र जांच की मांग शामिल रहेगी।

अन्ना ने यूपीए सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार चार दिन में कोई फैसला नहीं करती, तो वह रविवार से भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इससे पहले उन्होंने दिन में घोषणा की थी कि वह गुरुवार को अनशन में अपने साथियों अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय के साथ बैठेंगे। बाद में उन्होंने कहा कि वह भूख हड़ताल की जगह धरने पर बैठेंगे।

दरअसल लोकपाल के सवाल पर आंदोलन पर उतरी टीम अन्ना ने इस बार कुछ और मांगें सामने रखी हैं। जैसे- सरकार में शामिल 15 मंत्रियों के भ्रष्टाचार की जांच के लिए रिटायर्ड जजों की एसआईटी बनाई जाए। सीबीआई की जांच से घिरे पार्टी अध्यक्षों की जांच एसआईटी से कराई जाए और छह महीने में फैसले के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाए। साथ ही लोकसभा के 162 दागी सांसद और राज्यसभा के 39 दागी सांसदों पर केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो।

टीम अन्ना ने अपने तेवर साफ कर दिए हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक किसी तरह की कोई पहल नजर नहीं आ रही है। वहीं अनशन पर जाने से पहले अरविंद केजरीवाल ने एनडीटीवी इंडिया से बातचीत में लोगों से अपील की कि वे सक्रिय रूप से अनशन में शामिल हों और एक दिन का उपवास रखें। केजरीवाल ने यह भी कहा कि अनशन सिर्फ टीम अन्ना का नहीं, बल्कि पूरे देश का है।

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(इनपुट भाषा से भी)