यह ख़बर 25 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

प्रणब मुखर्जी बने भारत के 13वें राष्ट्रपति

खास बातें

  • शपथ लेने के बाद हॉल से बाहर निकलते समय प्रणब मुखर्जी ने हाथ जोड़कर सभी का धन्यवाद किया। जब वह ममता के पास पहुंचे, तो दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए।
नई दिल्ली:

संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में एक शानदार समारोह में प्रणब मुखर्जी ने देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों और काफी संख्या में विशिष्ठ अतिथियों की उपस्थिति में भारत के प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

काले रंग की अचकन और उजले रंग का चूड़ीदार पायजामा पहने प्रणब मुखर्जी ने अंग्रेजी में ईश्वर के नाम पर संविधान एवं विधि के संरक्षण और सुरक्षा की शपथ ली। प्रणब को 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद उन्होंने शपथ ग्रहण करने से जुड़े रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया और उपस्थित लोगों ने मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया।

राष्ट्रपति भवन से चलकर निवर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का काफिला एक जुलूस की शक्ल में संसद भवन परिसर पहुंचा, जिसके बाद शपथ ग्रहण समारोह शानदार तरीके से शुरू हुआ। यहां पहुंचने पर कपाड़िया, अंसारी और मीरा कुमार ने उनका स्वागत किया और उन्हें साथ लेकर केंद्रीय कक्ष गए। संक्षिप्त समारोह के बाद प्रणब और पाटिल बाहर आए। इस दौरान ड्रम और बिगुल की ध्वनि से चारों और का माहौल गूंज उठा।

शपथ लेने के बाद हॉल से बाहर निकलते समय प्रणब ने हाथ जोड़कर सभी का धन्यवाद किया। जब वह ममता के पास पहुंचे, तो दोनों एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए। समारोह में आगे की पंक्तियों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, उनके बाईं ओर बगल में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, कलाम के बगल में रक्षामंत्री एके एंटनी और उनके बगल में एनसीपी प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री शरद पवार बैठे थे।

यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के अलावा मनमोहन की पत्नी गुरशरण कौर भी अग्रिम पंक्ति में बैठी थीं। मंच पर बीच में प्रतिभा पाटिल, उनके साथ उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रणब और भारत के प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाड़िया विराजमान थे। शपथ से पहले बीच की सीट पर प्रतिभा पाटिल बैठी थीं, लेकिन प्रणब के शपथ लेने के बाद उन्होंने उन्हें आमंत्रित किया और बीच की सीट पर प्रणब आसीन हुए।

इस दौरान विशेष तौर पर आमंत्रित बॉलीवुड स्टार मिथुन चक्रवर्ती नजर आए। प्रणब के परिवार के कई सदस्य भी मौजूद थे। समारोह का संचालन केंद्रीय गृहसचिव आरके सिंह ने किया। प्रणब के भाषण का हिन्दी अनुवाद उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने पढ़ा।

संसद भवन जाने से पहले उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मर्सिडीज बेंज एस 600 में सवार प्रणब सबसे पहले ‘राजघाट’ पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने ‘वीर भूमि’ पर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी।

काली शेरवानी और सफेद चूड़ीदार पजामा पहने प्रणब ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की समाधि ‘शक्ति स्थल’ और लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहरी विकास मंत्री कमलनाथ भी प्रणब के साथ मौजूद थे।  इस मौके पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री मौजूद थे।

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प्रणब के मुख्य सहायक प्रद्युत गुहा ने कहा, शपथ ग्रहण समारोह के लिए जाते वक्त नवनिर्वाचित राष्ट्रपति काफी खुश, शांत और निश्चिंत थे।