यह ख़बर 28 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

करगिल नायक के पिता पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, सरकार को निर्देश देने की की मांग

खास बातें

  • करगिल युद्ध के नायक कैप्टन सौरव कालिया के पिता ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया है कि केंद्र को इस बारे में निर्देश दिया जाए कि वह उनके बेटे का मामला हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में उठाए।
नई दिल्ली:

करगिल युद्ध के नायक कैप्टन सौरव कालिया के पिता ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया है कि केंद्र को इस बारे में निर्देश दिया जाए कि वह उनके बेटे का मामला हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत में उठाए। कैप्टन कालिया को 1999 में पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था और बर्बर यातनाएं देकर मार डाला था।

एनके कालिया ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा कैप्टन सौरव कालिया युद्धबंदी के रूप में पकड़ा गया था, लेकिन उसे बर्बर तरीके से मार डाला गया और यह जिनेवा संधि का उल्लंघन है।

अधिवक्ता अरविन्द शर्मा के जरिये दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि सरकार से कई बार आग्रह किए जाने के बावजूद कालिया की बर्बर तरीके से हत्या किए जाने का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाने के लिए कुछ नहीं किया गया है।

कालिया 4 जाट रेजीमेंट (इन्फैंट्री) में थे। शर्मा ने कहा, ‘‘हमने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि सरकार को अंतरराष्ट्रीय अदालत जाने का निर्देश दिया जाए।’’ कैप्टन कालिया और उनके गश्ती दल के पांच अन्य सैनिकों को 15 मई 1999 को जीवित पकड़ लिया गया था। पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें हिरासत में रखा जहां उन्हें यातनाएं दी गईं और उनके शवों का अंग भंग कर दिया।

कालिया रेजीमेंट के पांच अन्य सैनिकों सिपाही अर्जुन राम, भंवर लाल बागरिया, भीका राम, मूला राम और नरेश सिंह के साथ लद्दाख के काकसर सेक्टर में बजरंग चौकी के नियमित गश्त के लिए गए थे। वहां छिपे पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें घेर लिया और उनके शवों को अंग भंग कर भारत को सौंपा गया।

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क्षेत्र में यह इस तरह की पहली कुछ घटनाओं में से एक थी जिसने अधिकारियों को भारतीय क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ को लेकर सतर्क किया।