खास बातें
- उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में रास्ते बुरी तरह कटे हुए हैं और ज़रूरत का सामान लेने के लिए लोगों को बेहद ख़तरनाक रास्तों से गुज़रना पड़ रहा है।
उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ी इलाकों में रास्ते बुरी तरह कटे हुए हैं और ज़रूरत का सामान लेने के लिए लोगों को बेहद ख़तरनाक रास्तों से गुज़रना पड़ रहा है।
उत्तरकाशी के संगमचट्टी में एक अस्थायी पुल से ऋषिगंगा पार करते हुए जहां एनडीटीवी के कैमरामैन बाल−बाल बचे... वहीं अपने परिवार के लिए राशन लेकर लौट रही एक लड़की के लिए यह पुल काल साबित हुआ। 17 साल की एक लड़की अपने कंधे पर राशन लिए जब पुल को पार कर ही रही थी कि अचानक संतुलन गंवा बैठी और ऋषिगंगा में बह गई। लड़की का तब से कुछ पता नहीं चला है।
ऐसे ही खतरनाक रास्तों से गुज़रकर आए लोगों की यहां भीड़ लगी है… सब राशन की ख़ातिर यहां आए हैं।
भारी बारिश की वजह से कई जगह भूस्खलन होने से वहां के सारे रास्ते कट गए हैं। लिहाज़ा परिवार के तक़रीबन सारे सदस्य हर हफ़्ते इसी तरह अपनी पीठ पर सामान लादकर नदियां और कठिन रास्ता पार कर राशन घर ले जा रहे हैं।
उत्तराखंड के कई गांवों की यही कहानी है। स्वयंसेवी संस्थाएं और आम लोगों ने मदद की है और काफ़ी मदद आई भी है लेकिन असली मुसीबत अनाज को लोगों तक पहुंचाना है।
उधर, प्रशासन का कहना है कि उसने ऊपरी इलाकों में जगह−जगह अनाज इकट्ठा करने के इंतज़ाम किए हैं ताकि अगले तीन महीने तक इन इलाकों में राशन की कमी न हो।