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खास बातें
- बताया जा रहा है कि 15 साल पहले आसाराम ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर आश्रम का निर्माण किया था। आसाराम के जेल में बंद होने के बाद अब सरकार की नींद खुली और इस तरह से बने सभी आश्रमों को खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया है।
अहमदाबाद: नाबालिग पर यौन हमले का आरोप झेल रहे आसाराम की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं। गुजरात के जूनागढ़ में सालों पहले बनाए हुए आश्रम को प्रशासन ने खाली कराने की कवायद शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि 15 साल पहले आसाराम ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर आश्रम का निर्माण किया था। आसाराम के जेल में बंद होने के बाद अब सरकार की नींद खुली और इस तरह से बने सभी आश्रमों को खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया है।
उधर, यौन उत्पीड़न मामले में फंसे आसाराम 15 सितंबर तक जेल में ही रहेंगे। जोधपुर जिला जज ने आसाराम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। आसाराम के वकील अब हाईकोर्ट में अपील करने की बात कह रहे हैं।
नाबालिग लड़की पर यौन हमले के आरोपी आसाराम की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने जमानत का कड़ा विरोध किया। सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि आसाराम के लोग पुलिस को धमकी और घूस तक की पेशकश कर रहे हैं।
सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि आसाराम का सेवादार शिवा वही शख्स है, जिसने नाबालिग लड़की को बाबा के पास पहुंचाने का इंतजाम किया, वहीं शिवा ने पुलिस के सामने ये माना है कि आसाराम लड़कियों से आश्रम में अकेले मिलते थे।