यह ख़बर 18 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई 1 अक्टूबर को

यौन हमले के आरोपी आसाराम बापू जोधपुर कोर्ट के बाहर

खास बातें

  • स्वयंभू संत आसाराम बापू को अभी न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा। राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए पहली अक्टूबर की तारीख तय कर दी। यह जानकारी पुलिस ने दी है।
जोधपुर:

स्वयंभू संत आसाराम बापू को अभी न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा। राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए पहली अक्टूबर की तारीख तय कर दी। यह जानकारी पुलिस ने दी है।

आसाराम (72) ने उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ के समक्ष 13 सितंबर को जमानत अर्जी पेश की थी।

जमानत अर्जी सुनवाई के लिए सोमवार को रखी गई और चूंकि दलील पूरी नहीं हो पाई इसलिए उच्च न्यायालय ने कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी थी। आसाराम की पैरवी करने के लिए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी अदालत में हाजिर हुए।

अभियोजन पक्ष के वकील आनंद पुरोहित ने बताया, "हमने जमानत याचिका के विरोध में अपनी दलील पेश की।" उन्होंने कहा, "बचाव पक्ष के वकील ने जवाब देने के लिए समय मांगा जिस पर न्यायमूर्ति निर्मलजीत कौर ने सुनवाई की अगली तारीख पहली अक्टूबर तय की है।" आसाराम दो सितंबर से ही जोधपुर केंद्रीय कारागार में कैद हैं।

आसाराम को जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जोधपुर ग्रामीण) के समक्ष 16 सितंबर को पेश किया गया था। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 30 सितंबर तक बढ़ा दी थी।

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एक किशोरी ने 20 अगस्त को पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसी शिकायत के आधार पर आसाराम को उनके इंदौर स्थित आश्रम से पहली सितंबर को गिरफ्तार किया गया।