यह ख़बर 18 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

हेमा मालिनी के बयान पर भड़के एनजीओ, कहा, विधवाओं पर आंच नहीं आने देंगे

हेमा मालिनी वृंदावन में (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

वृंदावन की विधवाओं पर बीजेपी सांसद हेमा मालिनी के बयान को असंवेदनशील करार देते हुए वहां सक्रिय गैर सरकारी संगठनों ने कहा है कि वे इन विधवाओं पर आंच नहीं आने देंगे और उनके भीतर से असुरक्षा की भावना भी निकालेंगे।

हेमा ने बेहद विवादास्पद बयान में कहा था कि वृंदावन की विधवाओं की अच्छी आय और बैंक बैलेंस होने के बावजूद वे आदतन भीख मांगती हैं। बंगाल, बिहार से विधवाओं को वृंदावन आकर भीड़ नहीं बढ़ानी चाहिए। वे अपने राज्य में ही रहें।

वृंदावन में 14 साल पहले विधवा आश्रम 'आमार बाड़ी' की स्थापना करने वाले गिल्ड ऑफ सर्विस एनजीओ की संस्थापक अध्यक्ष डॉक्टर वी मोहिनी गिरी ने कहा कि हेमा ने इस बयान से हजारों विधवाओं की उम्मीदें तोड़ दी हैं।

उन्होंने कहा, यह बेहद असंवेदनशील बयान है। क्या विधवाओं की कोई गरिमा नहीं होती? कल को मुझसे कहा जाएगा कि तुम विधवा हो और दिल्ली छोड़कर आंध्र प्रदेश लौट जाओ, तो मैं क्या करूंगी? इस तरह का बर्ताव कहां तक जायज है?

उन्होंने कहा, हेमा ने विधवाओं की उम्मीदें तोड़ी हैं। एक महिला होकर वह उनका दर्द नहीं समझ सकीं। वह सांसद हैं और उन्हें विधवाओं को सामाजिक सुरक्षा दिलानी चाहिए थी। मैंने उन्हें तीन पत्र लिखे और कल टका सा जवाब मिला कि मेरे पीए से बात करो, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी। मैं सुनिश्चित करूंगी कि वृंदावन की विधवाओं पर आंच नहीं आए। उन्होंने बताया कि ये विधवायें बरसों से वृंदावन में रह रही हैं और बंगाल लौटना नहीं चाहतीं।


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