यह ख़बर 07 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

निठारी कांड : अपनी पहली फांसी की तैयारी कर रहा है जल्लाद

फाइल फोटो

मेरठ:

निठारी हत्या कांड के दोषी सुरिंदर कोली को फांसी देने का समय निकट आने के साथ ही मेरठ जेल के जल्लाद की खोज-पूछ बढ़ गयी है। वह अपनी पहली फांसी की तैयारियों में लगा हुआ है।

बारह सितंबर को होने वाली इस फांसी से पहले जल्लाद पवन सिंह की एक 'बाइट' के लिए मीडियाकर्मी सुबह से शाम तक उसके घर के सामने डेरा डाले हुए हैं।

पवन 'जल्लाद' के लिए यह लोकप्रियता और शोहरत कोई नई बात नहीं है, क्योंकि वह एक ऐसे परिवार से आता है जिसने जल्लाद के रूप में कई मशहूर अपराधियों को फांसी दी है।

पवन के दादा कल्लु ने अपहरण और बलात्कार मामले के दोषी कुख्यात अपराधियों 'रंगा, बिल्ला' को 1982 में तथा इंदिरा गांधी हत्या कांड के दोषियों केहर सिंह और सतवंत सिंह को 1986 में फांसी दी थी। कल्लु ने कुल 12 कुख्यात अपराधियों को फांसी दी थी।

पवन के पिता माम्मू सिंह भी मेरठ जेल के जल्लाद थे, लेकिन जेल अधिकारियों के अनुसार उन्होंने कभी किसी अपराधी को फांसी नहीं दी।

माम्मू ने 26/11 के आतंकवादी अजमल कसाब और 2001 में संसद पर हुए हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के लिए रस्सी तैयार की थी, लेकिन दोनों को फांसी पर लटकाने से पहले ही बीमारी के कारण उसकी मौत हो गई।

अपने पिता के बाद पवन को आशा थी कि दोनों अपराधियों को फांसी देने का अवसर उसे मिलेगा, लेकिन दोनों अपराधियों को बेहद गोपनीय तरीके से फांसी दी गई।

रिम्पा हल्दर (2005) हत्या कांड में निचली अदालत ने सुरिंदर कोली को मौत की सजा सुनाई, जिसे बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर 15 फरवरी 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने भी उसपर मुहर लगा दी।

गाजियाबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार गुप्ता ने बुधवार को वारंट जारी किया कि 42 वर्षीय सुरिंदर कोली की मौत होने तक उसे फांसी पर लटकाया जाए। निठारी हत्या कांड का दोषी कोली सभी न्यायिक विकल्प खंगाल चुका है।

कोली को चार अन्य मामलों में भी मौत की सजा सुनायी गई है जबकि हत्या के 11 मामले अभी चल रहे हैं।

दिसंबर 2006 में लापता हुई एक बच्ची का शव मिला जिसकी कोली ने हत्या कर दी थी। इसी घटना के बाद रिम्पा हल्दर हत्या कांड सामने आया।

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जांच के दौरान और भी कई बच्चों की विभत्स तरीके से हत्या किए जाने की बात सामने आई और उन सभी के कंकाल उत्तर प्रदेश के नोएडा के निठारी इलाके में स्थित एक मकान के सामने नाले से मिले। कोली इसी मकान में नौकर था।